image source- social media

चांदनी दी से मिलिए… बचपन में कूड़ा बीना, सड़क किनारे फूल भी बेचे, आज हजारों लोगों की प्रेरणा है

New Delhi: झुग्‍गी-झोपड़ी के बच्‍चे चांदनी को ‘चांदनी दी’ (Chandni Di) के नाम से जानते हैं। बहुत छोटी उम्र से चांदनी झुग्‍ग‍ी-बस्तियों में रहने वाले बच्‍चों के लिए काम कर रही हैं। वह आज ‘वॉयस ऑफ स्‍लम’ (Voice of Slum) की संस्‍थापक हैं। 2016 में 18 साल की उम्र में उन्‍होंने इस संस्‍था की शुरुआत की थी। यह एनजीओ झुग्‍गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्‍चों की शिक्षा के लिए काम करता है। 10 साल की उम्र में वह ‘बढ़ते कदम’ नाम के संगठन से जुड़ गई थीं। यह संगठन गरीब बच्‍चों की शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य की बुनियादी जरूरतें पूरी करता है। चांदनी के कड़वे अनुभव उन्‍हें इस संस्‍था के पास तक लेकर गए।

चांदनी का जन्‍म 1997 में हुआ था। पिता सड़क पर तमाशा दिखाया करते थे। छह साल की उम्र में वह भी पिता के काम का हिस्‍सा बनी गई थीं। लेकिन, अचानक एक दिन पिता नहीं रहे। घर पर चूल्‍हा जलना बंद हो गया। करीब एक साल तक परिवार ने भरपेट खाना नहीं खाया। परिवार का पेट पालने के लिए चांदनी मां के साथ कूड़ा बीनने लगीं। फूल और भुट्टे बेचे। उन्‍होंने वह समय देखा है जब उनसे लोगों ने ‘ऐ लड़की!’ ‘ओ!’ ‘कितने पैसे लेगी तू मेरे साथ चलने के…’ यहां तक कहा। लेकिन, चांदनी इन सबको सहकर आगे बढ़ती गईं और कारवां बनता गया। आज अपनी संस्‍था के जरिये वह न केवल सैकड़ों बच्‍चों को पढ़ा रही हैं, बल्कि उनकी सशक्‍त आवाज भी हैं।

चांदनी इन बच्‍चों के दर्द को दूसरों की तुलना में कहीं ज्‍यादा महसूस कर सकती हैं। वजह है कि चांदनी ने कभी खुद यह जिंदगी जी है। एनजीओ की स्थापना उन लोगों की ओर एक कदम उठाने के लिए की गई थी जिन्हें हमारी आवश्यकता है, जो 18 वर्ष से कम आयु के थे और एनजीओ द्वारा स्वीकार नहीं किए गए थे। इसका उद्देश्य सड़क पर रहने वाले बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आश्रय जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है।

अगर हम अपने देश को शिक्षित करते हैं, तो हम उन्हें बेहतर कल के लिए सशक्त बनाते हैं।” चांदनी का मिशन जारी है और भविष्य आशावादी योजनाओं से भरा है। “भविष्य में, हम अपने शिक्षा कार्यक्रम में कंप्यूटर शामिल करना चाहते हैं और बच्चों को यह भी सिखाना चाहते हैं कि डिजिटल स्पेस हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है। हम उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहते हैं, उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना चाहते हैं और उन्हें समान अवसर प्रदान करना चाहते हैं।” सड़कों पर रहने से लेकर अब सड़कों पर लोगों की मदद करने तक, चांदनी का सफर अविश्वसनीय है। वह अभी 20 साल की है, और उसकी इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ, केवल आकाश की सीमा है क्योंकि वह सितारों के लिए लक्ष्य रखती है।