New Delhi: तू एक बार मेहनत करके तो देख, जमीन से ऊपर उड़कर आसमान में पंख फैला सकता है। ये लाइन महाराष्ट्र के नासिक जिले की रहने वाली तेजल आहेर पर बिल्कुल फिट बैठती है। जिसके पास ना ही दो वक्त की रोटी खाने के पैसे थे। ना कोचिंग के लिए पैसे थे। ना ही घर में कोई संसाधन था। इसके बावजूद तेजल ने वो मुकाम हासिल किया है, जहां पहुंचने की चाह हर किसी की होती है। उन्होंने पुलिस अफसर बनकर अपने माता-पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।
लेकीच्या अंगावरील वर्दी पाहून शेतकरी आई-वडील गहिवरले, नाशिकची #तेजल_आहेर मुंबईत PSI पदी रुजू..!
#अभिनंदन ताई..! 💐💐💐#म #मराठी #वपु #शब्दांगण #PSI pic.twitter.com/IjUJ8Ymbxk— Vaibhav Borase Speaks (@borasevaibhav) April 7, 2021
तेजल एक बहुत ही सामान्य परिवार से आती हैं। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार तेजल के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि ठीक से पेट भर कर रोटी खा सकें, तो ट्यूशन फीस भरना तो दूर की बात थी। तेजल ने खुद के दम पर पढ़ाई करने की ठानी। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा आयोजित महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा को पास किया। इसके बाद उन्हें पुलिस उप निरीक्षक का पद मिला।
नाशिकची तेजल आहेर मुंबईत PSI पदी रुजू होणार. #महाराष्ट्राच्या_लेकी pic.twitter.com/frI4zcqYmX
— Raigad Explore (@RaigadExplore) April 6, 2021
15 महीने की ट्रेनिंग पूरी करके जब अपने घर पहुंची तो उनके माता-पिता समेत गांव के सभी लोग उन्हें वर्दी में देखकर काफी आश्चर्यचकित हुए, उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। कंधे में लगे स्टार को देखकर मां भावुक हो गई और पिता के आंखों से आंसू छलक आए और गर्व से सीना चौड़ा हो गया। परिवार समेत सारा गांव तेजल पर गर्व महसूस कर रहा था।
शेतकरी कुटुंबात जन्मलेल्या आणि घरची परिस्थिती हालाखीची, कोणताही क्लास न लावता स्वतःच्या हिमतीवर अभ्यास सुरू केला. #mpsc परीक्षांची तयारी नाशिक येथे राहून केली आणि पोलिस उपनिरीक्षक पदाच्या परीक्षेत यश मिळवलं, निफाड तालुक्यातील #तेजल_आहेर या युवतीने यशाला गवसणी घातली…!!!✌️🤝💯✅ pic.twitter.com/oBc8MV2pXE
— Viju Borhade (@Viju_borhade) April 6, 2021
उन्होंने अपनी सफलता से यह साबित कर दिया कि अगर आपका लक्ष्य निश्चित हो और आपका सारा ध्यान उस लक्ष्य को पाने के लिए हो तो कोई भी बाधा मुसीबत आपके और आपके लक्ष्य के बीच कभी नहीं आ सकती। वाकई जब भूख सताती है तो इंसान को कुछ नहीं सूझता ऐसे विकट परिस्थिति में तेजल आहेर ने अफसर बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए सारी कठिनाईयों को भूल कर दिन रात मेहनत की और अपने सपनों को पूरा कर दिखाया। तेजल की कहानी उन तमाम लोगों के लिए एक सीख है जो विकट परिस्थिति का हवाला देकर मेहनत करने से कतराते हैं।