New Delhi: ‘‘विभोर यादव’‘…नाम तो सुना होगा। जी हां ये वही किसान के बेटे तहसीलदार विभोर यादव हैं जिनमें काम करने का ऐसा जुनून है जो ना दिन देखते हैं और ना रात, इन्हें दिखाई देता है तो सिर्फ अपना काम और अपना कर्तव्य। तहसीलदार विभोर यादव की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है, क्योंकि अपने अनोखे अंदाज में इन्होंने एक से एक ताबड़तोड़ कारनामें और त्वरित कार्यवाही की है। हाल ही में दुर्गम रास्ते में बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में तस्करों को बाइक चलाकर दौड़ा-दौड़ा कर पकड़ा था। लोगों का कहना है कि ऐसा सिर्फ हमारे तहसीलदार विभू ही कर सकते हैं, जो किसी के आगे झुकते नहीं, पीछे हटते नहीं। अपने अनोखे अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले तहसीलदार ने इस बार फिर कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे लोग इनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
विभोर यादव मनेंद्रगढ़ में नायब तहसीलदार हैं। ये अपने पद पर आसीन होकर अपना काम बखूबी निभा रहे हैं। इनकी खास बात ये है कि इनकी सुबह काम से शुरू होती है और रात काम से खत्म होती है। या यूं कहें कि ये रात में भी काम करते हैं। जब तक अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच जाते ये चैन से नहीं बैठते हैं। आज सुबह 7 बजे से दौरा करना शुरू किया और रात 8 बजे तक काम में व्यस्त रहे। ये अचानक कहीं भी निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। तभी तो अवैध काम करने वाले इनसे खौफ भी खाते हैं।
इनके द्वारा धान खरीदी केंद्र नागपुर एवं बरबसपुर का औचक निरीक्षण किया गया। बरबसपुर समिति निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एक किसान पुराने धान कुछ पाने की मंशा से समिति में बेचने के लिए लाया था। उसके 70 बोरी पुराने खराब धान को जप्त करके समिति के सुपुर्द किया गया। ताकी धान खरीदी में पुराने धान ना खपाया जा सके।
वहीं नागपुर समिति में एक किसान के 10 बोरी पुराने खराब धान को वापस किया गया। वर्तमान में धान खरीदी के अंतिम चरण में बिचौलियों की सक्रियता को देखते हुए उन्हें रोकने के लिए नायब तहसीलदार ने यह कदम उठाया । इतना ही नहीं, काम करने का जुनून तो इतना है कि उसके बाद नायब तहसीलदार पहुंच गए आंगनबाड़ी केंद्र। जहां उन्होंने भोजन की गुणवत्ता की जांच की तथा बच्चों से बातचीत भी की। नागपुर में चल रहे सार्वजनिक वितरण केंद्र का भी निरीक्षण किया।
वही कानून व्यवस्था के तहत भाजपाइयों द्वारा किए जा रहे पुतला दहन के कार्यक्रम में जाकर कार्यपालक दंडाधिकारी के तौर पर पुतला दहन कर रहे लोगों को समझा कर शांतिपूर्ण तरीके से कानून व्यवस्था को लागू करवाया तथा पुतला दहन होने से रोका। इस प्रकार सुबह 7:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक अपने दौरे के दौरान कार्य करते रहे। विभोर यादव एक किसान के बेटे हैं इसलिए जमीन से जुड़े हैं। वो गांव जाते हैं तो गांव के हो जाते हैं। ये एकदम सादगी से जीवन जीते हैं।