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दिन रात मजदूरी कर पिता ने बेटी का संवारा भविष्य,एथलेटिक प्रतियोगिता में बेटी ने जीता गोल्ड मेडल

New Delhi: सोनिया ने वर्ष 2016 में गोरखपुर में पहला स्वर्ण पदक जीता थी।  अभी तक वो राज्य स्तर पर सात गोल्ड जीत चुकी है। मुरादाबाद की सोनिया ने अपने टैलेंट के बदौलत लॉन्ग जंप में लगभग 70 मेडल जीते हैं। साथ ही, दर्जनों ट्रॉफी भी हासिल की है। सोनिया ने हाल ही में यूपी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर नेशनल का टिकट पक्का किया है।

एथलीट सोनिया के पिता मजदूरी करते हैं। सोनिया ने 10 साल पहले सोनकपुर स्टेडियम में प्रवेश लिया था। यहां उसने लॉन्ग जंप में अभ्यास शुरू किया था, लेकिन स्टेडियम में कोच ना होने से सोनिया का खेल आगे नहीं बढ़ रहा था। कई बार उसने स्टेडियम छोड़ने का मन बनाया। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लॉन्ग जंप के सभी खिलाड़ियों ने निजी कोच रखने की योजना बनाई थी। जिसके बाद कोच सौरभ ने सोनिया को प्रशिक्षण देना शुरू किया था। उन्होंने सोनिया के खेल को निखारना शुरू किया।

उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद जनपद वैसे तो पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से मशहूर है, लेकिन बात खेलकूद की करें, तो यहां के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के कारण दूर-दूर तक मशहूर होने लगे हैं। मुरादाबाद की सोनिया ने अपने टैलेंट के बदौलत लॉन्ग जंप में लगभग 70 मेडल जीते हैं। साथ ही, दर्जनों ट्रॉफी भी हासिल की है। सोनिया ने हाल ही में यूपी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर नेशनल का टिकट पक्का किया है।

शक्ति नगर नया गांव की रहने वाली सोनिया की रुचि बचपन से ही खेल-कूद में थी। लिहाजा काफी कम उम्र से उन्होंने लॉन्ग जंप में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। सोनिया ने 12 साल की उम्र में कंपटीशन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। 18 साल की उम्र में सोनिया ने ढेरों ट्रॉफी और मेडल जीत कर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है। सोनिया ने यूपी एथलेटिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर सभी पारिवारिक समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए कामयाबी की दास्तां लिखी है। वो उन सभी लोगों के लिए उदाहरण है जो परिस्थितियों का हवाला देकर किस्मत को कोसते हैं। सोनिया का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 5.92 मीटर की छलांग लगाकर एशिया चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना है।