New Delhi: संजीव के बड़े भाई अमेरिका के एक बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर थे। उन्हें उसी समय फोन किया और कहा कि वे एक वेबसाइट की शुरुआत करना चाहते हैं, जिसके लिए सर्वर की आवश्यकता है। लेकिन उसके लिए पैसे चाहिए और मेरे पास पैसे नहीं है। वह उन्हें पैसे उधार देंगे, तो बेवसाइट की शुरुआत हो सकती है। संजीव के भाई ने उनकी बात मानी और उन्हें बिजनेस के लिए पैसे दे दिए। इसके बाद आज वह एक आम संजीव नहीं बल्कि संजीव बिकचंदानी के नाम से पहचाने जाते हैं।
President Kovind presents Padma Shri to Shri Sanjeev Bikhchandani for Trade and Industry. He is the founder of Info Edge India Limited and is known for investing in promising internet start-ups. Shri Bikhchandani is also involved in philanthropy. pic.twitter.com/hFLM76JVRo
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
आज हम उस कंपनी के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने भारत के करोड़ों युवाओं के जीवन में क्रांति ला दी है। उन्होंने दो बेहद मुश्किल कामों को काफी हद तक आसान कर दिया है। एक जीवन को बेहतर बनाने के लिए अच्छी नौकरी ढूंढना (Naukari.com)। और दूसरा शादी के लिए जीवन साथी ढूंढना। (jeevansathi.com)। ये दोनों पोर्टल इंफोएज के ही प्रॉडक्ट हैं। इन दोनों कंपनी को संजीव बिकचंदानी ने ही बनाया है। जिन्हें साल 2020 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
If start-up is the destination, Sanjeev Bikhchandani is the guide that paved the way.
From growing https://t.co/FPBJgiB1iz to https://t.co/hsgBAmZv8O, his contributions have been extremely educational!Thanks to his contributions that supported the Indian economy!@sbikh pic.twitter.com/rUJNCQiufc
— Prafull MBA CHAI WALA (@Prafull_mbachai) November 10, 2021
कुछ बड़ा करने का सपना
संजीव कुछ बड़ा काम करना चाहते थे। कुछ अपना काम। वह कहीं और नौकरी करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते थे। हालांकि, कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक नौकरी की, लेकिन कुछ अपना करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। बाद में धमाकेदान बिजनेस आइडिया से उन्होंने अपने सपने साकार कर लिए। चूंकि शुरुआती दिनों में कमाई बचाने के लिए पैसे पर्याप्त नहीं थे। इसलिए उन्होंने कई संस्थान में कोचिंग दी जिसके लिए उन्हें 2000 रुपए महीना मिलता था।
One of our investor Mr. Sanjeev Bikhchandani talking about the #BBExpo2022 and the role of government in encouraging the young entrepreneurs.@msisodia @Dir_Education @UdhyamOrg pic.twitter.com/BG3r7ruwYt
— Entrepreneurship Mindset Class (@EMCCLASS) March 5, 2022
ऐसे आया बिजनेस आइडिया
साल 1996 में संजीव दिल्ली में आईटी एशिया एग्जिबिशन में गए। संजीव की नजर वहां पर एक स्टॉल पर पड़ी। जहां लिखा था WWW। वह वहां गए तो पता चला कि वीएसएनएल के ई-मेल अकाउंट बेचे जा रहे हैं और उस विक्रेता ने बताया कि आखिर ये ई मेल क्या है और कैसे इसका इस्तेमाल किया जाता है। संजीव ने ई मेल विक्रेता से उसके लिए एक बेवसाइट बनाने की बात कही। अब वेबसाइट बनाई जा चुकी थी मगर वेबसाइट की लॉन्चिंग बाकी थी। मंदी के दौर में लोग नौकरी खो रहे थे। संजीव और उनकी टीम को लगा कि लॉन्च करने का यह सही समय है और नौकरी.कॉम को भी कुछ डेटा के साथ लॉन्च कर दिया गया। शुरुआत में ही नौकरी.कॉम ने पहले ही साल 2.5 लाख का बिजनेस किया। दोबारा उनका 18 लाख का कारोबार हुआ। इस तरह धीरे-धीरे उन्होंने इंफोएज की वैल्यूएशन 85,760 करोड़ रुपए बना दिया।