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संसद सदस्यता रद्द होने के बाद बोले राहुल गांधी- मैं किसी से डरता नहीं, चाहे मुझे जेल में डाल दो

New Delhi:  संसद सदस्यता खत्म होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार  मीडिया से मुखातिब हुए। राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले, लेकिन मौका नहीं मिला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिये लड़ रहा हूं, आगे भी लडता रहूंगा। मैं नहीं डरता।’

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई।

उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अडाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया।’

मैंने आंखों में डर देखा है, संसद में अडानी पर मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे प्रधानमंत्री मोदी…  राहुल गांधी ने कहा, ‘असली सवाल यह है कि अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?’ राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमले किए जा रहे हैं, इसके उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं। मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी हस्तक्षेप के लिए कहा था, मैंने ऐसा नहीं कहा।

इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में पार्टियों को मीडिया और बाकी संस्थाओं से जो सपोर्ट मिलता था, वह अब नहीं मिलता है। मोदी सरनेम पर सजा मिलने के सवाल पर राहुल ने कहा, ‘यह OBC का मामला नहीं है। यह मोदी जी और अडानी के रिश्ते का मुद्दा है। यह मेरी तपस्या है। जीवन की तपस्या है। चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी तपस्या करनी है। मैं वायनाड के लोगों के लिए एक चिट्ठी लिखूंगा कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है।