40 लाख दान करने वाले स्कूल टीचर। image source- twitter

मिसाल: रिक्शा चलाकर बने थे टीचर, रिटायर हुए तो अपनी सैलरी के 40 लाख गरीब बच्चों में दान कर दिए

New Delhi: दुनिया में दुखों को कोई कम नहीं कर सकता है, लेकिन हम जो कुछ अच्छा कर सकते हैं, वह हमें करना चाहिए। ये कहना है कि मध्य प्रदेश के पन्ना के रहने वाले विजय कुमार चंसोरिया का। जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की है। विजय कुमार एक रिटायर स्कूल टीचर हैं। जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद कुछ ऐसा कि लोग आज इनकी मिसाल दे रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों की सहमति से अपने सभी भविष्य निधि और ग्रेच्युटी की राशि गरीब छात्रों के लिए स्कूल को दान कर दिया।

रिक्शा चलाया औऱ दूध बेचा

विजय कुमार ने अपने बचपन के दिनों में काफी संघर्ष किया ताकि वह पढ़ लिखकर कुछ बन सके। जिसके लिए उन्होंने रिक्शा तक चलाया और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए दूध बेचा। अपनी मेहनत औऱ परिश्रम से वह साल 1983 में शिक्षक बन गए। इन दिनों उन्होंने उन बच्चों को देखा तो अभाव में रहते हैं।

आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी पढ़ाई तक छूट जाती है। उन्होंने जब भी बच्चों की मदद की, उनकी खुशी देखी। बस फिर क्या थआ उन्होंने रिटायरमेंट के बाद बच्चों के लिए अपने भविष्य निधि के 40 लाख रुपए दान देने का फैसला किया, जो आज मिसाल बन चुका है।

शिक्षिका की पत्नी हेमलता और बेटी महिमा ने कहा कि पूरे परिवार ने उनके फैसले का समर्थन किया था। विजय कुमार चांसोरिया को खंडिया के एक प्राथमिक विद्यालय में काम के आखिरी दिन उन्हें सम्मानित किया गया था, जहां उन्होंने उनके सहयोगियों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की थी। इनके बारे में जिसने भी पढ़ा उसने कहा- आपके समर्पण को प्रणाम। आज के समय में शिक्षकों को अपना लोन तक चुकाना संभव नहीं होता ऐसे में धन्य है भारतभूमि जहां ऐसे शिक्षक जन्म लेते हैं

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