New Delhi: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मुगल गार्डन (Mughal gardens) का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ (Amrit Udyan) कर दिया गया है। यानी आजादी के सालों बाद अब राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के प्रतिष्ठित मुगल गार्डन को ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा।
This is how ‘Mughal garden’ should have been treated. 😆😆😆 pic.twitter.com/fn2If1pbtS
— Ankit Jain (@indiantweeter) January 28, 2023
बीजेपी के कई नेताओं ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है।
अमृत उद्यान 31 जनवरी से जनता के लिए खुलेगा और 26 मार्च तक जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार सुबह 11 बजे अमृत उद्यान की औपचारिक शुरुआत करेंगी। बहरहाल इस नाम बदलने पर सियासत भी तेज हो गई है।
President Droupadi Murmu will grace the opening of the Amrit Udyan tomorrow. https://t.co/4rXOMlZXA3 pic.twitter.com/7WhgilMoWW
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 28, 2023
विपक्षी दलों ने सरकार को सलाह दी कि वह नाम बदलने के बजाय नौकरियां बढ़ाने और महंगाई को काबू करने पर ध्यान केंद्रित करे। कांग्रेस ने नाम बदलने पर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सपा के नेता अबू आजमी ने कहा कि इस देश के इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है। फिर भी इतिहास मिटाया नहीं जा सकता, इतिहास लिखा नहीं जाता, रचा जाता है।
समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमी ने कहा कि देश के अमृत महोत्सव का नाम जहर महोत्सव कर देना चाहिए। नाम बदलने से इतिहास नहीं बदले जाते, सरकार एक नैरेटिव बनाने के लिए हिंदुत्व का एजेंडा मजबूत करने के लिए यह सब कर रही है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि ‘राष्ट्रपति भवन में प्रतिष्ठित उद्यान का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के लिए माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि ‘यह नया नाम न केवल एक और औपनिवेशिक पहचान को समाप्त करने का प्रतीक है, बल्कि अमृत काल के लिए भारत की आकांक्षाओं को भी दर्शाता है।