New Delhi: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से गणित में एमएससी की पढ़ाई करने वालीं राधिका अब पूरी तरह से साध्वी के रूप में नजर आती हैं। वो कथावाचिका हैं और देश भर में भ्रमण करके श्रीरामकथा सुना रही हैं। मूल रूप से चित्रकूट की रहने वाली कथावाचक राधिका की उम्र अभी 25 साल ही है। वह पूरे देश में भ्रमण करके श्री राम कथा सुनाती हैं। उद्देश्य यह है कि पूरे देश में जाकर लोगों को सनातन के बारे में बताएं और विशेष रूप से युवाओं को सनातन से जोड़ा जा सके।
25 साल की कथावाचक…विज्ञान की पढ़ाई के बाद राधिका ने अपनाया धर्म का रास्ता Magh Mela Prayagraj: मूल रूप से चित्रकूट की रहने वाली कथावाचक राधिका की उम्र अभी 25 साल ही है. वह पूरे देश में भ्रमण करके श्री राम कथा सुनाती हैं. राधिका कहती हैं कि आज के समय युवा पीढ़ी सनातन और संस…
— The Sambhal News (@thesambhalnews) February 6, 2023
कथावाचक राधिका वैष्णो कहती हैं कि आज की युवा पीढ़ी हमारे इष्ट देवों के बारे में बेहद अनभिज्ञ है। कई बार वह सवाल करते हैं कि राम कौन है कृष्ण कौन है। हमें सनातन की रक्षा करने के लिए युवाओं को एकजुट करना पड़ेगा, तभी हम युवाओं को जागृत कर सकते हैं। इसीलिए मेरा विशेष रूप से युवाओं पर फोकस रहता है। और अलग-अलग स्थानों पर राम कथा के दौरान मैं उन्हें महापुरुषों के प्रति जागृत करने का प्रयास करती हूं।
उन्होंने महिलाओं के लिए कहा कि आज महिलाएं हर काम में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बस इसलिए वह आगे बढ़ी और नकारात्मक बोलने वालों को नजरअंदाज करते हुए कथा वाचिका बन गई।
कथावाचक राधिका ने लगभग पांच डिग्रियां हासिल की है। खास बात यह है कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी मैथ से पढ़ाई की, और बीएड भी किया। इसके साथ अन्य डिग्रियां भी प्राप्त की। ये तमाम डिग्री लेने के बावजूद वो पूरे तरीके से अब साध्वी बन चुकी हैं।
प्रसिद्ध कथावाचक साध्वी राधिका वैष्णव जी चित्रकूट- pic.twitter.com/50zG1zpIl4
— Pawan Dubey (@PawanDu29727985) December 25, 2022
राधिका ने बताया कि पिता को देखते-देखते वह धर्म और अध्यात्म की तरफ बढ़ने लगी। पिताजी चाहते थे कि बेटी अफसर बने तभी तो उन्होंने चित्रकूट जनपद से पढ़ाई करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय भेजा था, लेकिन राधिका के मन में बैठ गया था कि अपने सनातन धर्म के लिए काम करेंगी और इसे आगे बढ़ाएंगी।
राधिका ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी किया है, डिप्लोमा इन योग आचार्य, डी.लिट की भी पढ़ाई की। लेकिन पिता के स्वर्गवास होने के बाद पूरी तरीके से आध्यात्मिक विरासत को संभाल लिया है।