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कर्नाटक की तबस्सुम ने किया टॉप, बोली- हिजाब छोड़कर मैंने शिक्षा को अपनाया..कुछ त्याग करने होंगे

New Delhi: कर्नाटक की रहने वाली तबस्सुम के पास दो विकल्प थे। पहला सरकार के आदेशों का विरोध करती या फिर आगे बढ़ने के लिए शिक्षा को चुनती।  लेकिन तबस्सुम ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए हिजाब को छोड़कर शिक्षा को अपनाना बेहतर समझा। अब तबस्सुम शेख ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है। कर्नाटक प्री यूनिवर्सिटी एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित पीयूसी-सेकंड एग्जाम (12वीं) में तबस्सुम ने सबसे अधिक अंक हासिल किए। इस साल वह स्टेट आर्ट्स की टॉपर हैं, उन्हें कुल 600 में से 593 नंबर मिले। इसमें हिंदी, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र में 100 में से 100 नंबर आए। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी तबस्सुम की तारीफ की और कहा कि सफलता से अच्छा प्रतिशोध कुछ नहीं है।

तबस्सुम कहती हैं कि मेरी चॉइस क्लियर थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने हिजाब को (कॉलेज में) छोड़ने और अपनी शिक्षा जारी रखने का फैसला किया। हमें शिक्षा के लिए कुछ बलिदान करना पड़ता है।’तबस्सुम की सफलता से उनके माता-पिता भी बेहद खुश हैं लेकिन यह सब कुछ इतना आसान नहीं था। एक साल पहले तबस्सुम कंफ्यूजन की स्थिति से गुजर रही थीं। बीजेपी के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने पिछले साल शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में 18 साल की तबस्सुम के मन में सवाल था कि वह अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दें या फिर धार्मिक विश्वास पालन करें। हालांकि हिजाब की जगह शिक्षा को चुनकर तबस्सुम ने एक मिसाल पेश की है।

तबस्सुम ने बताया कि ‘राज्य सरकार के आदेश के बाद जब वह कॉलेज जाती थीं तो घर से निकलते वक्त हिजाब पहनती थीं और कैंपस में प्रवेश करते समय नियम का पालन करती थीं। मेरे कॉलेज ने एक अलग कमरा निर्धारित किया था जहां मैं क्लास में जाने से पहले हिजाब उतार कर रखती थीं। कांग्रेस नेता और केरल से सांसद शशि थरूर ने भी तबस्सुम की कहानी को ट्वीट किया है। उन्होंने तबस्सुम की उनके माता-पिता के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘सक्सेस इज द बेस्ट रिवेंज। (सफलता सबसे अच्छा प्रतिशोध है।)’