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न इंटरनेट था न कोचिंग, किताबों से नोट्स बनाकर की पढ़ाई,आज IAS बनने का सपना पूरा करके ही दम लिया

New Delhi: आज हम आपको जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले की पहली महिला IAS अधिकारी रेहाना बशीर की कहानी बता रहे हैं। जिन्होंने सिर्फ किताबों से नोट्स बनाकर और मां की सेवा के साथ-साथ पढ़ाई की और सफलता हासिल ही। सच्ची लगन और मेहनत के दम पर इन्होंने अपना सपना पूरा किया और वह आज IAS अधिकारी हैं।

रेहाना आईएएस अधिकारी तो भाई आमिर बशीर पहले से ही भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में कार्यरत हैं। रेहाना ने शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमबीबीएस से स्नातक की हैं। रेहाना बताती हैं कि उन्होंने 2017 में पहली परीक्षा दी। कहती हैं कि- “मेरे लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मेरे भाई, जो पहले से ही प्रशासन में हैं, उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया। ऐसे कई मौके आए जब वह अपने लक्ष्य से भटकी लेकिन परिवार और दोस्तों की मदद से उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया।

जब मैं नवंबर 2016 में इंटर्नशिप कर रही थी, तब मुझे एहसास हुआ कि मैं शासन में भाग लेकर लोगों की बेहतर सेवा कर सकती हूं। जब मैं कॉलेज में थी, मेरी दुनिया किताबों में सिमट गई थी, लेकिन एक बार जब मैंने काम करना शुरू किया, तो मैं जमीनी हकीकत को समझ सकी, और मुझे एहसास हुआ कि मैं सिर्फ एक डॉक्टर होने के अलावा और कुछ करना चाहती हूं। एक डॉक्टर के रूप में, मैं केवल एक मरीज का इलाज कर सकती हूं लेकिन मैं उसकी समस्याओं को हल नहीं कर सकती। ऐसे कई मुद्दे हैं जो बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं को हल कर सकते हैं, जैसे स्वच्छ पेयजल तक पहुंच, उचित सड़कें, अच्छा भोजन, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि। इस नौकरी से मैं लोगों की बेहतर सेवा कर सकूंगी। उन्होंने कहा कि “मैं अपने कर्तव्यों को जानना चाहता हूं, अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहती हूं।

रेहाना का सफर आसान नहीं था। उनका बचपन भी काफी संघर्षों में बीता है। वह जब छोटी थीं तब ही उनके पिता उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर चले गए थे। लेकिन परिवार की हिम्मत और मां का सहारा बनकर अपने सपने को पूरा किया। रेहाना के पास ना ही इंटरनेट था औऱ ना ही उन्होंने किसी कोचिंग का सहारा लिया। रेहाना ने खुद के दम पर पढ़ाई की और किताबों से नोट्स बनाकर पढ़ाई जारी रखा। आज आईएएस बनकर वह लाखों युवाओं की प्रेरणा बन चुकी हैं।

खास बात ये है कि वह अपने जिले की IAS अधिकारी बनने वाली पहली महिला है, जिससे लोगों को उनपर गर्व भी है। रेहाना ने बताया कि जब वह यूपीएससी की पढ़ाई कर रही थी तब उनकी मां काफी बीमार थी, उनकी सर्जरी हुई थी। इस वजह से मां का ख्याल भी रखना था। मां की दिन-रात सेवा करने का फल मुझे मिला। आज परिश्रम और मां के आशीर्वाद से आखिरकार सफलता मिल गई।

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