New Delhi: युवाओं के बीच सिविल सेवा को एक प्रतिष्ठित करियर माना जाता है, लेकिन इसे पास करना काफी कठिन काम है। हर साल 10 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होते हैं, जिनमें से 1000 से भी कम का चयन होता है। आज हम आपको एक ऐसा उदाहरण बता रहे हैं, जो आपको प्रेरित करेगी।
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में एक परिवार, जिसने तीन सिविल सेवकों को जन्म दिया है। पिता चंद्रसेन सागर, जिन्होंने 10 वर्षों तक अपने क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुख के रूप में कार्य किया है। बेटियां होने की वजह से अकसर लोग उन्हें ताना दिया करते थे, कहते थे बेटियां बोझ होती हैं, अगर अब बेटी हुई तो अबॉर्शन करवा देना। लेकिन बेटियों ने पिता का मान रखा और पिता के अधूरे सपने को पूरा कर दिखाया। बेटियां यूपीएससी परीक्षा पास करके अधिकारी बनी और लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
पिता सागर हमेशा एक सिविल सेवक बनना चाहते थे। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी वह सफल नहीं हुए। लेकिन उनके मन से सिविल अधिकारी बनने का सपना पल रहा था। उन्होंने अपने सपनों को सहेजकर रखा। उनके अधूरे सपनों को पूरा कर दिखाया…वो बेटियां ही थीं। वो बेटियां जिनके लिए लोग ताना दिया करते थे। आज पिता से शान से निकलते हैं तो और बेटियों के नाम से पहचाने जाते हैं। एक पिता के लिए इससे गर्व की बात और क्या होगी।
Arpit Sagar IAS appointed DDO- Valsad, Gujarat – https://t.co/XwvujoIAqn pic.twitter.com/Yfy5pEoaHq
— Indian Bureaucracy (@INDBureaucracy) September 7, 2019
इनकी पांच बेटियां और एक बेटे हैं। सबसे बड़ी बेटी, अरिजीत सागर ने उत्तराखंड के पंतनगर में जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से बी.टेक पूरा किया। दूसरी बेटी अर्पित सागर ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद से बी.टेक और आईआईएम कलकत्ता से परास्नातक पूरा किया।
सबसे छोटी बेटी, अंकिता सागर ने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र ऑनर्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अन्य दो बेटियों ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई की। वहीं, अमीश सागर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलेज से बीए हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया है।
2009 में इच्छा तब पूरी हुई जब उनकी सबसे बड़ी बेटी, अरिजीत सागर ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और दूसरे प्रयास में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) प्राप्त की। वह वर्तमान में सीमा शुल्क विभाग में मुंबई क्षेत्र में सीमा शुल्क, जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।
Young IAS officer (2015), Arpit Sagar, ensuring compliance with the law of the land. @IASatWork @IASassociation @pkumarias https://t.co/VVssvSEyLb
— Gujarat IAS Assoc (@IASGujarat) February 21, 2018
खुशखबरी यहीं नहीं रुकी। उनकी दूसरी बेटी अर्पित सागर ने 2014 की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और दो प्रयासों में विफलता का सामना करने के बाद अखिल भारतीय रैंक (AIR) 378 हासिल की। और IAS अधिकारी बनकर ही दम लिया। वह गुजरात कैडर में तैनात थीं और वर्तमान में जिला विकास अधिकारी, वलसाड, गुजरात के पद पर कार्यरत हैं। सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने अपने दूसरे प्रयास में एआईआर 239 के साथ परीक्षा पास की। और अधिकारी बनकर लोगों को प्रेरित कर रही हैं। यही कारण है कि बरेली का सागर परिवार कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।