New Delhi: यूक्रेन पर हम’ले के आठवें दिन रूसी क्रू’रता के कुछ उदाहरण सामने आए। खारकीव में उतरे रूसी पैराट्रपर्स ने एक बड़े अस्पताल पर मिसाइल हमले किए। यूक्रेन की सेना ने बताया कि जिन अस्पतालों को निशाना बनाया गया, उनकी बेसमेंट में बंकर है। इनमें नागरिकों को रखा गया है। दूसरी ओर रूसी सैनिकं का कहना है कि वे सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है आम नागरिकों को भी नुकसान पहुंच रहा है।
बारूद भी नम : मारने वाले भी रो रहे, नागरिकों पर हमलों से खुद ही टूट गए रूसी सैनिक
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— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) March 4, 2022
इसी बीच सोशल मीडिया पर रूसी सैनिकों की तस्वीरें वायरल वायरल हो रही हैं। इस तस्वीर में रूसी सैनिक भावुक नजर आ रहे हैं। यूक्रेन पहुंचे रूसी सैनिकों का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं, लेकिन इस दौरान हमें हमले के आदेश मिल गए। ऐसे में रूसी सैनिक यूक्रेन तो पहुंच गए, लेकिन जब नागरिकों पर हमला होने लगा तो वे खुद ही टूट गए।
अपनी माँ से विडियो कॉल पर बात कर भावुक हुआ रुसी सेना के जवान.
रूसी सैनिक को यूक्रेनी नागरिकों ने खाना खिलाया चाय भी पिलाई.#ukraine #UkraineRussiaWars #RussiaUkraineWar #Belarus #Russia #WWIII pic.twitter.com/BnhvoT5I5F
— Jitendra Pratap Singh (@JitendraStv) March 2, 2022
रूसी सैनिकों को यूक्रेन में कई जगह रोका गया। यूक्रेन नागरिकों ने खुद का फोन देकर रूसी नागरिकों को उनके परिवार से बात करायी। हालात देखकर रूसी सैनिक खुद को रोक नहीं पाए और फूट-फूट कर रोने लग गए। यहां तक की यूक्रेन की एक महिला ने रूसी सैनिक को चाय और बिल्कुल भी दिया। यूक्रेन की इस तस्वीर ने दिल जीत लिया है।
यूक्रेन पर अटैक कर रहे रूसी सैनिक और स्थानीय लोगों के बीच इंसानियत की ये तस्वीरें झकझोरती हैं, जहां यूक्रेन की महिला द्वारा चाय बिस्कुट दिए जाने पर रूसी सैनिक भावुक होकर रो पड़ा#InextRanchi, #RussiaUkraineWar @inextlive pic.twitter.com/6GtFxkh3rq
— Upendra K Singh (@Upendrainext) March 4, 2022
रूस ने भारत सरकार को आश्वासन दिया कि व कीव और खारकीव में फंसे भारतीय छात्रों को रूसी नियंत्रण वाले इलाके से होकर रूस पहुंचाने को तैयार है। वहां से उन्हें भारत लाया जाएगा। रूस का कहना है कि यूक्रेन में हमारी सेना रास्तों को निशाना नहीं बना रही है। हम कोशिश कर रहे हैं कि युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को पहले रूस लाया जाए फिर वहां से भारत। खारकीव में फंसे करीब 1700 छात्रों ने पैदल ही रूसी सीमा की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। खारकीव से रूस की सीमा सिर्फ 40 किलोमीटर है। वहीं, 5 दिन में 3352 भारतीयों को भारत लाया जा चुका है।