New Delhi : राजस्थान के सीकर जिले के खूड़ इलाके में रविवार को हुई एक शादी की चर्चा हर शहरवासी कर रहा है। शादी सुशीला की थी, जिसके इकलौते भाई की तीन साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। चर्चा की वजह खुद दुल्हन सुशीला से सुनिए।
कहती है- भगवान ने इकलौता भाई छीन लिया था। भाई का प्यार था। जिसने मेरी शादी के लिए उसके दोस्तों को भाई की शक्ल में भेजा। परिजनों को काफी चिंता हो रही थी, लेकिन इन भाइयों ने 5 लाख रुपए की मदद देकर सभी खुशियां मेरी झोली में डाल दीं। भाई के दोस्तों ने बहन को गिफ्ट में मंगलसूत्र, कानों की बाली जैसे गहने भी दिए। सुशीला अभी एमए प्रीवियस की पढ़ाई कर रही हैं।
इस कहानी की शुरुआत तीन साल पहले हुई। सुशीला का भाई महेंद्र जयपुर के महाराणा प्रताप हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। महेंद्र बेहद सामान्य परिवार से था। हॉस्टल में रहने सभी छात्र एक-दूसरे के परिवार को लेकर अकसर चर्चा करते थे। तीन साल पहले जयपुर में ही एक सड़क हादसे में उसकी मौ’त हो गई। लेकिन, दाेस्तों ने दोस्ती नहीं छोड़ी।
दोस्त के घर जाकर बहन से रक्षाबंधन पर बंधवाते थे राखी : महेंद्र के करीबी दोस्त अक्सर रक्षाबंधन पर उसके घर जाते और बहन से राखी भी बंधवाते थे। इस साल सुशीला की सगाई हुई तो दोस्तों ने हॉस्टल में मीटिंग करके तय किया कि बहन की शादी में वे पूरी मदद करेंगे और भाई का पूरा फर्ज निभाएंगे। वाट्सएप के जरिए पूरे हॉस्टल में मैसेज करके मदद जुटानी शुरू की। मुहिम आगे बढ़ती गई और करीब पांच लाख रुपए इकट्ठा हो गए। दोस्तों ने सुशीला को 3.50 लाख रुपए का चेक, 1.20 लाख के गहने और 30 हजार रुपए कन्यादान में दिए। महेंद्र के पिता मालीराम लोसल के निजी अस्पताल में पर्ची काटने का काम करते हैं। वे कहते हैं- महेंद्र घर का इकलौता चिराग था, जो सड़क हादसे में चला गया। बेटी की शादी के लिए रुपए जुटाना मुश्किल हो रहा था, लेकिन उसके दोस्तों ने 5 लाख रुपए देकर महेंद्र की कमी दूर कर मिसाल पेश की है।
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