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डॉ राम सिंह….जिन्होंने रांची के एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया, मिल चुका है बेस्ट इंटरनेशनल प्रिंसिपल अवार्ड

दिल्ली पब्लिक स्कूल की पहचान अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर है। डीपीएस के स्टूडेंट देश-विदेश में अलग-अलग क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। डीपीएस ने उपलब्धियों के कई आयाम गढ़े हैं। इस स्कूल का शैक्षणिक वातावरण भी उम्दा है, जहां बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म दिया जाता है।

वहीं, भारत के झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची के एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह से बदल कर रखने वाले डॉ राम सिंह पिछले 25 साल से अधिक वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। वह रांची के डीपीएस में बदौत प्रिंसिपल पिछले 8 साल से जुड़े हैं। यहां के प्रिंसिपल डॉ राम सिंह छात्रों के विकास में, उन्हें बड़े सपने देखने के लिए सालों से प्रेरित करते आ रहे हैं, जिन्हें आज तक कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया चुका है। इस अवार्ड को प्राप्त करने वाले ईस्टर्न रीजन के एकमात्र प्रिंसिपल डॉ राम सिंह है। अपनी सादगी, सत्यनिष्ठा और स्पष्ट सोच के लिए जाने जाने वाले डॉ. राम सिंह पिछले काफी समय से शिक्षा के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से अपना योगदान दे रहे हैं।

प्रारंभिक शिक्षा

उत्तर प्रदेश से अपनी स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 1993 में भौतिकी के शिक्षक के रूप में अपना शिक्षण करियर शुरू किया। वह करीब 18 साल से दिल्ली पब्लिक स्कूल से जुड़े हुए हैं। उन्होंने डीपीएस बोकारो में पीजीटी भौतिकी के पद पर 12 साल तक काम किया।

शानदार उपलब्धियां

प्रिंसिपल के रूप में उनका कार्यकाल 2007 में दयावती मोदी अकादमी रामपुर में शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने 2013 से 2014 तक एक वर्ष के लिए डीपीएस बाल्को की सेवा की और 2014 से वह डीपीएस रांची की अभूतपूर्व सफलता को आकार दे रहे हैं। डॉ. सिंह ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिटी कोऑर्डिनेटर, बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र अधीक्षक, जेईई मेन्स एंड एडवांस्ड, एनईईटी, यूपीएससी आदि की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को भी निभाया है। बढ़ते स्कूलों की संबद्धता के लिए ऑब्जर्वर, एनएसटीएसई के स्टेट कोऑर्डिनेटर भी रह चुके हैं।

उन्होंने पिछले 5 वर्षों से सहोदय परिसर, रांची के अध्यक्ष का पद भी संभाला है और क्षेत्र के सभी सीबीएसई स्कूलों के विकास में योगदान दे रहे हैं। नवाचार के लिए डॉ. राम सिंह के जुनून ने उन्हें स्कूल में नए विचारों से परिचित कराया। डीपीएस रांची में मानव पुस्तकालय उनके दिमाग की उपज है और यह झारखंड में अपनी तरह का पहला पुस्तकालय है।

डॉ. राम सिंह ने कई सामाजिक पहल भी की हैं। उन्होंने डीपीएस रांची में ‘दीपताभ’ शुरू किया है, जहां वंचित बच्चों को मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है और उन्हें आवश्यक शिक्षण सामग्री भी प्रदान की जा रही है। वह लैंगिक समानता, समावेशी शिक्षा, स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए जागरूकता पैदा करने की कोशिश करते हैं।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण उन्हें कई सम्मानों और प्रतिष्ठित जिम्मेदारियों से नवाजा गया है। डॉ राम सिंह को इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन (आईएफयूएनए) द्वारा मिशन नॉलेज के राजदूत के रूप में नामित किया गया है।  झारखंड सरकार ने उन्हें उच्च शिक्षा के गुणवत्ता विकास का सदस्य बनाया है। साथ ही एनआईओएस ने उन्हें अकादमिक समिति के एपेक्स निकाय के सदस्य के रूप में नामित किया है।

उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया था। 2015 में एसोचैम ने उन्हें स्कूली शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ नवाचार और उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। उन्हें सरकार से 2016 में उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला।

इन अवॉर्ड से सम्मानित हुए डॉ राम सिंह

-समाज के लिए उनकी समर्पित सेवा को सीबीएसई शिक्षक पुरस्कार 2015 द्वारा पुरस्कृत किया गया है। यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उन्होंने कहा कि यह उन माता-पिता द्वारा उन पर किए गए भरोसे के कारण संभव हो पाया है।

-दिल्ली पब्लिक स्कूल रांची को चेन्नई में ब्रिटिश काउंसिल द्वारा प्रतिष्ठित इंटरनेशनल स्कूल अवॉर्ड (आईएसए) से सम्मानित किया गया था।

-डीपीएस रांची के प्रतिष्ठित प्रिंसिपल डॉ. राम सिंह को प्रतिष्ठित साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) द्वारा “बेस्ट इंटरनेशनल प्रिंसिपल अवार्ड 2021-2022” से सम्मानित किया गया है।

-वह उन 20 प्रिंसिपल में से एक हैं, जिन्होंने दुनिया भर में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित किया है। वह इसे पाने वाले पूर्वी क्षेत्र(ईस्टर्न रीजन) से एकमात्र प्रिंसिपल हैं।

-मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित हो चुके हैं।

– 2015 में एसोचैम द्वारा स्कूली शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ नवाचार और उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जा चुका है।

-झारखंड सरकार से 2016 में उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

-साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य का पुरस्कार प्रदान किया गया।

-अकादमी समिति-एनआईओएस के शीर्ष निकाय के सदस्य।

-स्कूलों में जर्मन भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक समिति सदस्य के रूप में जर्मनी का दौरा किया।

छात्रों के लिए संदेश
डॉ राम सिंह का मानना है कि शिक्षा का विचार शिक्षित करने के बजाय ‘एजुकेयर’ की अवधारणा को लागू करना होना चाहिए। स्कूल में हमारा प्रयास छात्रों के बीच ‘आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग’ को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें रचनात्मक और अभिनव बनाया जा सके।

मेरी इच्छा छात्रों को भविष्य की दृष्टि से उत्कृष्टता के नए क्षितिज को छूने की है। पाठ्यपुस्तकों की दुनिया तक ही सीमित न रहें; अपने पंखों को नई सोच से ताकत दें क्योंकि ज्ञान का अनंत आकाश है। सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि मानव जाति की सेवा करना सीखें। आप भविष्य के निर्माता हैं। अपनी शिक्षा में समावेश, सहानुभूति और मानवता के लिए प्रेम का संचार करें। आपके सभी प्रयास इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की ओर निर्देशित होने चाहिए।