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अंतिम संस्कार में शहीद जवान की चिता पर लेट गई पत्नी, रोते हुए कहने लगी- मुझे भी इनके साथ जाना है

New Delhi: सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर ने मन को विचलित कर दिया है। दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए जवान के पार्थिव शरीर को जब अंतिम संस्कार के लिए चिता तक ले जाया गया तो जवान की पत्नी रोते हुए उसकी चिता पर लेट गई और कहने लगी मुझे भी साथ जाना है। इस भावुक नजारे को जिसने भी देखा वह दंग रह गया। दंतेवाड़ा के कासोली गांव में शहीद DRG जवान लखमू मरकाम की पत्नी चिता की लकड़ी पर लेट गई। अपने जीवनसाथी के शव को चिता पर लेटा देखने की शक्ति नहीं थी।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुई नक्सली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद दंतेवाड़ा के कसोली गांव में शुक्रवार को हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला, जब शहीद जवान लखमू मारकम (Lakhmu Markam) की चिता पर उनकी पत्नी लेट गईं और कहने लगीं कि वह अपने पति के शरीर को धुआं होते नहीं देख सकती। इसे देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू छलक गए। ता दें कि महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में आदिवासी लोग अपने स्थानीय हीरो लखमू मारकम को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे थे।

शहीद जवान लखमू मारकम एक ट्रेंड सिपाही थे और पहले स्थानीय आदिवासियों के समूह ‘सलवा जुडूम’ से जुड़ा थे, जिसका गठन माओवादियों की गतिविधियों से निपटने के लिए किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद साल 2011 में ग्रुप को खत्म कर दिया गया था। बाद में लखमू मारकम को डीआरजी में शामिल कर लिया गया, जिसका गठन दंतेवाड़ा जिले में 2015 में छत्तीसगढ़ सरकार ने किया था। डीआरजी विशेष पुलिस बल है, जिसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासी और आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी हैं।

छत्तीसगढ़ (Dantewada Naxal Attack) में सर्च ऑपरेशन से लौट रहे 10 जवान और एक आम नागरिक की नक्सली हमले का शिकार हुए। डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) के 10 जवानों और एक वाहन चालक की मौत हो गई। सीपीआईएम (CPI-M) ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। गुरुवार को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके शवों को परिजनों को सौंप दिया गया।