New Delhi: एक पिता का दर्द वो ही समझ सकता है, जिसे अपने बेटे की लाश को 90 किलोमीटर तक बाइक पर लादकर ले जाना पड़ा। इस खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। दिल दहला देने वाली ये घटना आंध्र प्रदेश के तिरुपति की है।
आंध्र प्रदेश की इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है। जहां एक पिता को अपने बेटे की लाश को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाना था, लेकिन सरकारी एंबुलेंस नहीं मिल सकी और इतने पैसे भी नहीं थे कि एक प्राइवेट एंबुलेंस को हायर किया जा सके। पिता हालात का मारा था इसलिए उसने अपने बेटे की लाश को बाइक पर ही ले गया औऱ वो भी 90 किलोमीटर।
इस घटना पर आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व सीएम के साथ ही पूरा देश जेसावा की मौत पर हतप्रभ हैं। लेकिन सबसे हैरान करने वाली और दिल को दुखाने वाली बात ये है कि सरकारी तंत्र की बेचारगी का इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है।
बता दें कि जेसावा की मौत तिरुपति के RUIA अस्पताल में हुई थी। उसे लीवर की बीमारी के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और सोमवार की आधी रात को उसने दम तोड़ दिया। जब उनके पिता से एंबुलेंस ने 20 हजार रुपए की मांग की थी। पिता मुश्किल से महीने में 4 हजार रुपए कमा पाते हैं। ऐसे में इतनी भारी भरकम रकम चुकाना बेहद मुश्किल है।
पिता ने अपने बेटे के शव को अपने कंधे पर ले लिया, मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने पैतृक गाँव की यात्रा की। इस घटना ने उस समय हंगामा खड़ा कर दिया, जब सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक नेता अस्पताल प्रबंधन के अड़ियल रवैये के विरोध में अस्पताल में जमा हो गए।