गुरु रामभद्राचार्य से भगवान राम के जन्म का वैदिक प्रमाण मांगा गया था। उन्होंने अथर्ववेद के 10वें कांड के 31वें अनुवाक के दूसरे मंत्र का हवाला देते हुए भगवान राम के जन्म का वैदिक प्रमाण दिया था। रामकथा के दौरान इस बात का उल्लेख करते हुए रामभद्राचार्य ने बताया कि जब उन्होंने भगवान राम के जन्म और जन्मस्थान को लेकर वैदिक और शास्त्रीय प्रमाण प्रस्तुत किए तो पीठ में शमिल एक मुस्लिम जज ने कहा था- सर यू आर डिवाइन पावर (आप दैवीय शक्ति हैं)।
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छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चर्चा में आने के साथ ही उनके गुरु रामभद्राचार्य भी सुर्खियों में आ गए हैं। रामभद्राचार्य ने अपने शिष्य धीरेंद्र शास्त्री का सार्वजनिक तौर पर बचाव कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि- बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
नेत्र नहीं होने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी को डेढ़ लाख से अधिक पृष्ठ याद हैं और उन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है। #Rambhadracharya pic.twitter.com/KDbW4XpzBn
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चित्रकूट में तुलसी पीठ की स्थापना करने वाले रामभद्राचार्य महज 2 महीने की उम्र से ही दृष्टिहीन हैं। इसके बावजूद वह 22 भाषाओं के जानकार हैं और दर्जनों पुस्तकों की रचना कर चुके हैं। रामभद्राचार्य को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने रामभद्राचार्य से भगवान राम के जन्मस्थान का शास्त्रीय प्रमाण मांगा था। जब इन्होंने प्रमाण दे दिया तो जज खुद भी हैरान रह गए थे। और गुरु रामभद्राचार्य को कहा था- सर यू आर डिवाइन पावर।
बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों के मन की बात पर्ची पर लिखने को लेकर इन दिनों में काफी चर्चा में हैं. धीरेंद्र शस्त्री के कथित चमत्कार को चुनौती भी दी जा चुकी है। साथ ही जादू-टोना और अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए धीरेंद्र शास्त्री पर मामला दर्ज करने की भी मांग की जा चुकी है। हालांकि, इस मामले में उनको क्लीन चिट दी जा चुकी है।
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