81 साल के आसाराम को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 10 साल पहले शिष्या के साथ किया था दुष्कर्म

81 वर्षीय आसाराम अभी जोधपुर की एक जेल में बंद है। यहां वह राजस्थान में वर्ष 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अब आसाराम को एक शिष्या के साथ ब’लात्का’र के जु’र्म में गुजरात के गांधीनगर स्थित सत्र अदालत ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। करीब 10 साल पहले आसाराम पर सूरत की एक महिला ने अहमदाबाद के मोटेरा स्थित उसके आश्रम में बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई थी। FIR के मुताबिक, महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में कई 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया था। महिला तब आसाराम के आश्रम में रह रही थी।मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।

सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में सोमवार को आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. अभियोजन पक्ष ने गुजरात कोर्ट को बताया कि आसाराम ‘आदतन अपराधी’ है और आजीवन कारावास की सजा की मांग की गई है। वहीं पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

पीड़ित महिला की शिकायत में कहा गया था कि आसाराम ने उसे गुरुपूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुने जाने के लिए कहा था और बाद में स्पीकर के रूप में चुना। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांतिवाटिका में बुलाया गया। आश्रम का ही एक अन्य व्यक्ति उसे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। वहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया और बाद में एक कटोरी घी मंगवाकर उसके सिर की मालिश की। मालिश करने के दौरान आसाराम ने पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। इस पर महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। इस पर आसाराम ने जबरदस्ती की।