आनंद कुमार। Image Source- Tweeted by @teacheranand

स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई कर रहे थे बच्चे, भावुक आनंद कुमार ने किया ऐसा वादा, कहा- मैं हू ना

New Delhi: कहते हैं ना कि कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा। बस बिहार के आनंद कुमार ने भी कुछ ऐसा ही किया। आज वह किसी पहचान के मोहताज नहीं है। लोगों के लिए वह सुपर हीरो से कम नहीं हैं। वह हर गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की मदद के लिए हर पल तैयार रहते हैं। फिल्म सुपर 30 भी इन्हीं पर फिल्माया गया है, जिसने हर किसी के मन में एक जोश और एक जुनून भर दिया। आनंद कुमार को गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है। वह हर साल 30 ऐसे होनहार स्टूडेंट का चयन करते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हो या बेहद पिछड़े इलाके से हों, ऐसे बच्चों को आनंद कुमार बिल्कुल फ्री शिक्षा देते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा किया कि लोगों उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं।

आनंद कुमार ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से एक तस्वीर शेयर की है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इस तस्वीर में आनंद कुमार कुछ बच्चों के साथ बैठे नजर आ रहे हैं। दरअसल, वो बच्चे कुछ ऐसा कर रहे थे कि, उन्हें देखकर आनंद कुमार वहां ठहरने पर मजबूर हो गए। उन बच्चों ने उनका दिल जीत लिया।

दरअसल, आनंद कुमार मुंबई में थे। उन्होंने देखा कि 4 बच्चे लैंप-पोस्ट की रौशनी में पढ़ाई कर रहे थे। उन बच्चों को ऐसे पढ़ता हुआ देख आनंद कुमार भावुक हो गए। जैसे ही वह बच्चों के पास गए तो बच्चे उन्हें तुरंत पहचान लिए। बच्चों ने बताया कि वह लैंप की रौशनी में कैल्कुलस की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। भावुक आनंद कुमार ने उन बच्चों से वादा किया कि वह जल्द ही उनके लिए कुछ ऐसा करेंगे कि उन्हें आसानी से मैथेमेटिक्स समझा सकें। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को ढेरों लाइक्स मिल रहे हैं। लोग जमकर उनकी तारीफ कर रहे हैं।

एक शानदार भारतीय गणितज्ञ और शिक्षक आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को हुआ था। उन्हें 2002 में पटना, बिहार में उनके द्वारा शुरू किए गए सुपर 30 कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य IIT-JEE, प्रवेश परीक्षा के लिए वंचित छात्रों को प्रशिक्षित करना है। उन लोगों के लिए जो IIT में पढ़ने की इच्छा और सपने देखते हैं। इस लोकप्रिय कार्यक्रम की सफलता को उन आंकड़ों से जाना जा सकता है जो आईआईटी क्वालिफायर की संख्या को उजागर करते हैं। 2018 में 510 में से 422 छात्रों ने JEE परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया और IIT में प्रवेश किया। आज आनंद कुमार देशभर में एक मिसाल हैं।

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