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अदाणी मामले में पहली बार बोले अमित शाह- अगर किसी से भी गलती हुई है तो बख्शा नहीं जाना चाहिए

New Delhi: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस के नेता ये स्लोगन लाए हैं कि पार्लियामेंट में फ्रीडम ऑफ स्पीच हो। लेकिन पार्लियामेंट में फ्रीडम ऑफ स्पीच है। आपको बोलने से कोई भी नहीं रोक सकता। लेकिन पार्लियामेंट में फ्री स्टाइल में नहीं बोल सकते हैं। संसद में वहां के पहले से ही तय नियमों के हिसाब से बोलना पड़ता है, रूल्स को समझना पड़ता है। रूल्स को पढ़ना पड़ता है, उसके बाद आखिर में रूल्स के हिसाब से पार्लियामेंट में बहस होती है। जैसे सड़क पर बोलते हैं वैसे पार्लियामेंट में नहीं बोल सकते हैं।’

विदेशों में भारत (India) की नकारात्मक छवि बनाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बीजेपी के नेताओं के निशाने पर हैं। राहुल गांधी ये आरोप भी लगाते हैं कि संसद में उनकी आवाज दबाई जा रही है क्योंकि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में फ्रीडम ऑफ स्पीच (freedom of speech) को राजनीतिक हथियार बनाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने करारा जवाब दिया है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा है कि संसद में नियमों के हिसाब से बोलना पड़ता है। जैसे रोड पर हम लोग बोलते हैं, वैसे पार्लियामेंट में नहीं बोल सकते हैं। ये नियम हमने नहीं बनाये हैं।

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने भाषण में राहुल गांधी को नेहरू और इंदिरा की याद दिलाते हुए कहा कि संसद चलाने के लिए नियम कई दशक पहले बनाए हुए हैं और उन्हें हमने या बीजेपी नेताओं ने नहीं बनाया है। राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी दादी के पिता जी के समय से ये नियम बने हुए हैं। वो भी इसी नियमों के तहत चर्चा करते थे। हम भी इन्हीं नियमों के आधार पर चलते हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार को इस मामले में कोई भ्रम नहीं है। हमारा कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की है और लोगों को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए।’ अमित शाह ने अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग पर शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मामले का संज्ञान लिया है और एक जांच समिति का गठन किया है।

 

अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह के खिलाफ धोखाधड़ी लेनदेन और शेयर मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी, हालांकि समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया था। इस मामले में अदाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और नियामकीय जरूरतों का पालन करता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन जांच एजेंसियों की जांच और अदाणी मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। शाह ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां निष्पक्ष रूप से काम कर रही हैं और दो को छोड़कर सभी मामले यूपीए सरकार के दौरान दर्ज किए गए थे। शुक्रवार को एक कॉन्क्लेव में बोलते हुए शाह ने कहा कि विपक्षी नेताओं के सभी आरोप बेबुनियाद है और अगर उन्हें जांच एजेंसियों के काम पर संदेह है तो वे अदालतों में चुनौती दे सकते हैं।