हिंदुजा बंधुओं की संपत्ति में चिट्ठी पर जंग- 83000 करोड़ की संपत्ति बंटवारे को तैयार नहीं तीन भाई

New Delhi : चार हिंदुजा भाइयों के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया है। विवाद के केंद्रबिंदू में है एक लेटर जो मूलत: यह जाहिर करता है कि चारों भाइयों में संपत्ति का बंटवारा हो ही नहीं सकता है। लेटर को लेकर हिंदुजा भाइयों में जंग छिड़ी हुई है। लेटर ने हिंदुजा परिवार की 11.2 अरब डॉलर यानी करीब 83 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर ऐसा विवाद खड़ा कर दिया कि मामला कोर्ट में पहुंच गया। 2014 का ये लेटर कहता है कि एक भाई के पास जो भी दौलत है, वह सभी की है। लेकिन 84 साल के श्रीचंद हिंदुजा और उनकी बेटी विनू चाहते हैं कि इस लेटर को बेकार घोषित कर दिया जाये।

मंगलवार 23 जून को लंदन की एक कोर्ट में सुनवाई के बाद यह मामला सतह पर सामने आया है। इस मामले में जज ने कहा – बाकी के तीन भाई गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने लेटर का इस्तेमाल हिंदुजा बैंक पर अपना कंट्रोल स्थापित करने के लिये किया, जबकि उस पर श्रीचंद हिंदुजा का पूरा हक है। जज ने कहा – श्रीचंद और विनू चाहते हैं कि कोर्ट ये फैसला सुनाये कि उस लेटर का कोई लीगल असर नहीं होगा और उसे वसीयत की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
इधर बाकी तीनों भाइयों ने कहा – इस मामले में आगे सुनवाई होने से परिवार के सिद्धांतों के खिलाफ जायेगा, जो दशकों से यही रहा है कि सब कुछ हर किसी का है और कुछ भी किसी एक का नहीं है। तीनों भाइयों ने एक ईमेल में कहा है कि हम अपने परिवार की इस वैल्यू को बचाना चाह रहे हैं।
अगर तीनों भाइयों का दावा मंजूर हो जाता है तो श्रीचंद के नाम पर जितनी भी दौलत है, वो उनकी बेटी और बाकी परिवार के पास चली जायेगी। इसमें हिंदुजा बैंक की पूरी शेयरहोल्डिंग भी शामिल है। जज ने ये भी कहा कि श्रीचंद के पास वकीलों को आदेश देने की ताकत नहीं बची है और उन्होंने अपनी जगह अपनी बेटी विनू को नियुक्त किया है।
हिंदुजा परिवार दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक है। इनका बिजनेस करीब 100 साल से भी पहले से चला आ रहा है। फाइनेंस, मीडिया और हेल्थ केयर बिजनेस में 40 से भी अधिक देशों में हिंदुजा ग्रुप के बिजनेस हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडेक्स के अनुसार हिंदुजा परिवार के पास कुल करीब 83 हजार करोड़ रुपये की दौलत है।

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