New Delhi : उत्तर प्रदेश एटीएस ने राज्य में धर्म परिवर्तन में शामिल दो मौलवियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने गरीब घर से आनेवाली महिलाओं, शारीरिक रूप से अक्षम और मूक-बधिर बच्चों को निशाना बनाया। दोनों आरोपियों की पहचान उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर के रूप में हुई है। इन्हें दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा – गिरफ्तार किये गये मौलवी धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे। इस रैकेट को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई फाइनान्स कर रही थी। पूछताछ में दोनों ने बताया है कि वे हर साल करीब 250-300 लोगों का धर्म परिवर्तन करते थे।
आरोपी मौलवियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया- हम उन लोगों से मिले जो आर्थिक रूप से कमजोर थे। इनमें अधिकांश महिलाएं, बच्चे और विकलांग शामिल थे। नोएडा के एक मूक-बधिर स्कूल के लगभग 1,500 बच्चों ने इस्लाम धर्म अपना लिया। साथ ही राज्य भर में ऐसे हजारों मामले सामने आये हैं। पुलिस के मुताबिक उमर गौतम ने खुद हिंदू से इस्लाम कबूल किया और गौतम के आगे उमर लगाकर मुस्लिम बन गया। पकड़े गये मुफ्ती काजी जहांगीर और उमर गौतम लखनऊ स्थित एक बड़े मुस्लिम संस्थान से जुड़े हैं।
रामपुर के एक गांव में दो हिन्दू बच्चों का जबरन खतना करवाकर उनका धर्मांतरण करवाने में भी एक मौलाना का हाथ सामने आया है। दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन्हें विदेश से संचालित एक मुस्लिम संगठन फंडिंग भी कर रहा था। पुलिस उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। दोनों मौलाना दावा इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था चलाते हैं।
बताते चलें कि 3 जून को दिल्ली के डासना मंदिर में दो मुस्लिम लड़कों ने पुजारी पर हमले का प्रयास किया था। दोनों को जब पकड़ा गया और उनके इस बर्ताव के बारे में पूछा गया तो मौलाना उमर और जहांगीर के बारे जानकारी मिली। दोनों मौलाना नोएडा के मूक बधिर स्कूल के छात्र-छात्राओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। धर्म परिवर्तित एक हजार महिलाओं बच्चों की सूची मिली है। कानपुर, बनारस और नोएडा के भी तमाम बच्चों, महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। कानपुर के एक बच्चे को साउथ के किसी शहर में ले जाया गया है। उसके बारे में पुलिस पता लगा रही है। (Input : Live Bihar)