New Delhi : तमाम नकारात्मक समाचारों के बीच हमारे लिये मौसम वैज्ञानी एक अच्छी खबर लेकर आये हैं। वैज्ञानियों ने कहा है कि इस साल मानसून झूमकर बरसेगा और खेती किसानी के लिये यह साल बेहतरीन होने वाला है। पूर्वानुमान के मुताबिक मानसून इस बार समय से दो दिन पहले ही भारत में प्रवेश कर जायेगा। ऐसी उम्मीद है कि 1 जून को मानसून केरल के लोगों को राहत देगा। इसके बाद भी मानसून अपने पूरे दबदबे के साथ पूरे भारत में दिल से बरसने वाला है। पिछले तीन साल से भारत के लिये मानसून बेहद अच्छा रहा है। यही कारण है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था को खेती किसानी से पूरा सपोर्ट मिल रहा है। प्रोडक्शन बढ़ रहा है। पिछले वित्ती वर्ष भी जब भारत का ग्रोथ निगेटिव था तो कृषि ने तीन फीसदी का पॉजेटिव ग्रोथ दर्ज किया था।
इधर दो दिनों से पूरे उत्तर भारत का मिजाज बदला हुआ है। दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और आसपास के इलाकों में आज दिनभर छिटपुट बारिश होती रही। बारिश होने और आसमान में बादल छाये रहने की वजह से तापमान में कमी दर्ज की गई है। चारों तरफ निगेटिव माहौल बारिश के इस खुशनुमान शुरुआत ने लोगों के मन को भी ठंडा करने का काम किया है। चारों तरफ कोविड का हाहाकार मचा है और लोगों को चौतरफ सिर्फ दुर्घटनाएं और दिलदहला देनेचाली खबरों पर ही लोगों की नजर पड़ती है। वैसे भारतीय मोसम विभाग के मुताबिक मानसून की आधिकारिक सूचना 15 मई को ही दी जायेगी लेकिन आज भूविज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि अभी पक्का करना मुश्किल है लेकिन पूर्वानुमान के मुताबिक 1 जून को केरल मानसून बरसना शुरू होगा। जैसा कि पहले भी हमलोगों ने अनुमान लगाया था कि इस बार सामान्य से बेहतर मानसून रहेगा।
इधर ग्रामीण इलाकों में भी चर्चा है कि मौसम के हालात बता रहे हैं कि इस बार मानसून बहुत बरसेगा। इसको मुख्य रूप से कोरोना की त्रासदी से ही जोड़कर देखा जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि मानसून मजबूत होगा क्योंकि हवाओं से प्रलय बरस रहा है। लेकिन कोरोना के तीसरे दौर को लेकर भी जमीनी स्तर पर काफी चर्चा हो रही है। भारतीय वैज्ञानियों द्वारा कोरोना महाप्रलय की भविष्यवाणी से ग्रामीण इलाका पूरी तरह से डर गया है। गरीबों का मन भूख और भय से आक्रांत हो गया है।