तीन हजार बहनों का भाई है ये पुलिस अधिकारी, एक फोन पर पहुंच जाता है बहनों के पास

New Delhi : आमतौर पर महिलाएं थाने के नाम से ही घबराती है। वो पुलिस से दूर रहने की कोशिश करती है लेकिन एमपी में एक ऐसा पुलिस अधिकारी भी हुआ जिसे उसके क्षेत्र की करीब ढाई हजार लड़कियां और महिलाएं अपना भाई मानती हैं। इतना ही नहीं ट्रांसफर होने के बाद भी ये महिलाएं अपने इस भाई को डाक और कोरियर से राखी भेजती हैं। इंदौर में लोकायुक्त इंस्पेक्टर रहे सतीश पटेल मूलतः खरगोन के रहने वाले हैं। सतीश पटेल ने 2015 में राखी के अवसर पर सिवनी के छपरा थाने में पोस्टेड थे।

 

एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुये सतीश बताते हैं कि उस समय राखी के दिन तक मेरी बहन की राखी मुझे नहीं मिल पाई थी। सबके हाथ पर राखी बंधी हुई थी पर मेरी कलाई सूनी पड़ी थी, ये देखकर मुझे बेहद अजीब लग रहा था। अचानक मेरे दिमाग में एक ख्याल आया और अपने एक वाट्स एप्प ग्रुप पर मैंने ये स्लोगन लिखा – पुलिस आपकी मित्र है टीआई आपका भाई है, और इसके नीचे लिखा टीआई होने के नाते क्षेत्र की हर महिला की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। यदि क्षेत्र की कोई महिला या लड़की मुझे राखी बांधना चाहती है तो थाने में उनका भाई उनका स्वागत करेगा।
देखते ही देखते ये मैसेज वायरल हो गया। लोगों के लिए ये एक बिलकुल अनोखी बात थी। मैसेज के बाद पहले थाने की दो सब इंस्पेक्टर ने डरते -डरते मुझसे पूछा कि सर क्या हम आपको राखी बांध सकते है, बदले में मैंने अपना हाथ बढ़ा दिया। शाम तक करीब 70 महिलाएं, जिनमें कुछ स्कूल और कॉलेज की छात्राएं भी थी राखी, नारियल और मिठाई लेकर थाने आई और उन्होंने मुझे राखी बांधी। इसके बाद ये सिलसिला चल निकला राखी से जन्माष्टमी तक ना सिर्फ थाना क्षेत्र बल्कि दूर-दूर की महिलाओं और लड़कियों ने मुझे राखी बांधी। रोज शाम को मेरा हाथ राखियों से भर जाता था।
सतीश बताते हैं कि ये कोई सोच समझकर की गई एक्टिविटी नहीं थी लेकिन पुलिसिंग ड्यूटी में भी हमको इसका जबरदस्त फ़ायदा मिला। क्षेत्र के लोगों के मन में ये विश्वास जगा कि पुलिस भाई की तरह मददगार भी हो सकती है। मैंने राखी बांधने वाली हर महिला को अपना मोबाइल नंबर दे दिया और उनसे कहा कि जब भी वो किसी मुसीबत में हों या अपने आसपास कोई क्राइम होता देखें तो अपने इस भाई को सिर्फ एक घंटी कर दें, मै तत्काल आपकी मदद करूंगा।
इसका फ़ायदा ये हुआ कि क्षेत्र में होने वाली कई अपराधिक गतिविधियों की सूचना मिलने लगी, थाणे का क्राइम रेट गिर गया और इन बहनों ने फोन पर सूचना देकर कई फरार आरोपियों को भी पकडाया।

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