New Delhi : शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सामंजस्य बिठाने और गठजोड़ की नसीहत दी। इससे पहले कि बहुत देर हो जाये। इस तरह के कदम से ही केंद्रीय एजेंसियों से बचना मुमकिन हैे जो बेवजह बेहद दबाव बनाये हुये है। 10 जून को ठाकरे को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस और राकांपा, जो कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में हैं, शिवसेना को उसके रैंकों में विभाजन करके कमजोर कर रहे हैं। खासकर निकाय चुनावो में इसका प्रभाव पड़ सकता है जो आने वाले महीनों में मुंबई समेत कई शहरों में होने वाली हैं।
#ShivSena MLA Pratap Sarnaik writes to CM Uddhav Thackeray. In his letter, Sarnaik writes that the BJP and Sena should come together once again. pic.twitter.com/ZwWbK9rImg
— NDTV (@ndtv) June 20, 2021
#MiddayNews |#ShivSena MLA writes to #UddhavThackeray to reconcile with #BJP ‘before it is too late’https://t.co/MwCYKGc7Tx
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#ShivSena MLA #PratapSarnaik seems worried about JAIL now ask CM #UddhavThackeray to join hands with PM @narendramodi @BJP4India
All GHOTALEBAJ Pratap Sarnaik, #AnilParab, #RavindraWaikar…. will have to be guest of JAIL @BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis @ChDadaPatil pic.twitter.com/eYLmhK3vON
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ठाणे शहर के विधायक सरनाइक ने कहा – भले ही भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया हो, लेकिन शिवसेना-भाजपा के नेताओं के बीच व्यक्तिगत और सौहार्दपूर्ण संबंध बने हुये हैं। इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, सुलह करना बेहतर है। इस मामले पर सावधानी से प्रतिक्रिया देते हुये, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है, जबकि राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि वह नहीं जानते कि महाराष्ट्र में शिवसेना का कोई कार्यकर्ता कांग्रेस या राकांपा में जा रहा है।
इस बीच महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हमारे दरवाजे दोस्तों के लिये हमेशा खुले हैं। बता दें कि नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के मुख्यमंत्री पद को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर एमवीए सरकार बनाने का फैसला किया था। नवंबर 2020 में एक सुरक्षा सेवा प्रदाता कंपनी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र में सरनाइक से जुड़े परिसरों पर छापा मारा गया था। शिवसेना ने इन छापों को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया था और कहा था कि महाराष्ट्र सरकार या उसके नेता किसी के दबाव में आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
वायरल हुए इस पत्र में, सरनाइक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुंबई सहित कई शहरों में नगर निगम के चुनाव जल्द ही होने हैं। उन्होंने लिखा- मेरा मानना है कि अभिमन्यु या कर्ण (महाभारत के महाकाव्य) की तरह खुद को बलिदान करने के बजाय अर्जुन की तरह युद्ध लड़ना ज्यादा सही है। मैं पिछले सात महीनों से अकेले अपने नेताओं से कोई मदद प्राप्त किये बिना अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं। सरनाइक ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा शिवसेना में विभाजन पैदा कर रही हैं।
उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फिर से हाथ मिलाना बेहतर है क्योंकि शिवसैनिकों को लगता है कि यह मेरे, अनिल परब और रवींद्र वायकर जैसे शिवसेना नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों की वजह से होने वाली समस्याओं से बचायेगा।
इसके अलावा, सरनाइक ने कहा कि जब मुख्यमंत्री COVID-19 उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और राजनीति से दूर रह रहे थे, कांग्रेस अगले चुनाव में अकेले जाने की बात कर रही थी और राकांपा शिवसेना कार्यकर्ताओं को “तोड़ने” और उन्हें शामिल करने में व्यस्त थी।