New Delhi: सोनी लिव पर हाल ही में रीलीज हुई नई वेब सीरीज ‘स्कैम 1990 दी हर्शद मेहता स्टोरी’ ने धमाल मचा दिया है। वेब सीरीज में दर्शकों को हर्शद मेहता का किरदार बेहद भाया है। जितना दम इस सीरीज की स्टोरी में है उतना ही मजबूत लीड रोल का किरदार और एक्टिंग है। ये किरदार निभाया है प्रतीक गांधी ने। ये वही प्रतीक गांधी हैं जिन्हें साल भर पहले तक कोई हीरो के रूप में नहीं जानता था और अब जब उनके लीड रोल वाली वेब सीरीज आई है तो वेब सीरीज से ज्यादा उनके किरदार और उनकी एक्टिंग की तारीफ की जा रही है। आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि आज पॉपुलर हो चुके प्रतीक गांधी को फिल्मी दुनिया में पकड़ बनाने में 15 साल जितना लंबा समय लग गया। अपने स्ट्रगल के दिनों में उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड से लेकर सेल्समैन तक की नौकरी की। उनकी पूरी लाइफ ही संघर्ष से भरी रही आईए जानते हैं इस उभरते स्टार की रोचक कहानी के बारे में।
हालांकि प्रतीक गांधी इस वेब सीरीज से पहले भी उन्होंने कई राष्ट्रीय फिल्मों में काम किया लेकिन अगर हर्शद मेहता पर ये वेब सीरीज न आती तो लोग अब तक इस बेहरतरीन एक्टर की एक्टिंग से वंचित ही रहते और उनका नाम बॉलीवुड में शायद ही कोई जान पाता। जिस बॉलीवुड में स्टार किड्स को तुरंत काम देकर स्टार बना दिया जाता है वहीं प्रतीक गांधी को अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने के लिए 15 साल लग गए। प्रतीक गांधी का जन्म सूरत गुजरात में हुआ था। प्रतीक ने अपनी पढ़ाई बालक भवन से की है। प्रतीक बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे, हालांकि कम नंबर होने की वजह से उन्होंने इंडसट्रियल इंजीनियरिंग की पढाई की। पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल सतारा में नौकरी की। अपने कॉलेज के दिनों में वो थियेटर बड़े शौक से किया करते थे। उन्हें थियेटर देखना और उसमें अभिनय करना बेहद पंसद था। उनका यही शौक उनकी ताकत बना और उन्हें एक्टर बनने के सपने दिखाकर 2004 में मुंबई ले आया।
प्रतीक ने मुंबई आकर एक इंजीनियर के रूप में कई कंपनियों में छोटे मोटे जॉब किए। मुंबई ने उन्हें एक साथ रंगमंच से जुड़ने और कॉर्पोरेट नौकरी बनाए रखने का मौका दिया। उन्होंने टेलीविजन और फिल्मों के लिए भी प्रयास किया। बारह साल बीत गए, जिसके दौरान उन्होंने कई ऑडिशन में भाग लिया और कई रिजेक्शन्स का सामना किया। प्रतीक ने 2005 से फिल्मी दुनिया में आने के प्रयास शुरू कर दिए थे। लेकिन इसके 10 साल बाद भी उन्हें अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली थी। वो अभी तक छोटे मोटे रोल और बड़े थियेटर ग्रुप के साथ ही काम कर रहे थे। प्रतीक को एक्टिंग की दुनिया में पहचान गुजराती नाटक आ पार के पेले पार से मिली, इसके बाद वह कई फिल्मों और टीवी शोज में नजर आये। 2014 में उन्हें पहली बार फिल्मी दुनिया में बड़ी कामयाबी मिली। उन्हें गुजराती फिल्म ‘बे यार’ में अभिनय के लिए एक लीड रोल के रूप में चुन लिया गया। ये फिल्म गुजरात में हिट रही। इसने काफी सुर्खियां भी बटोरी।
2016 उन्होंने एक और गुजराती फिल्म रोंग साइड राजू में काम किया इस ये फिल्म इतनी कामयाब रही कि इसने नेशनल अवॉर्ड हासिल किया। इसके बाद जहां साल 2020 सबके लिए लगभग बेकार रहा वहीं प्रतीक के लिए ये साल उनकी जिंदगी में एक नए चैप्टर के साथ आया। निर्देशक हंसल मेहता जो कि इस समय हर्शद मेहता पर बायोपिक बनाने की सोच रहे थे। उन्हें इसके लिए एक सूटेबल एक्टर की तलाश थी। उन्होंने कई ऑडीशन लिए। प्रतीक गांधी भी इसका ऑडीशन देने पहुंचे थे। प्रतीक बताते हैं कि निर्देशक हंसल मेहता ने उनका ऑडीशन देखा तक नहीं था। उन्होंने मेरी गुजराती फिल्में देखी थी और जैसे ही उन्हें पता चला कि मैं इसमें काम करना चाहता हुं तो उन्होंने मुझे फाइनल कर दिया। सीरीज में हर्शद मेहता का किरदार निभाने के लिए उस लड़के को चुना गया था जो अब तक फिल्मों में एक युवा कॉलेज स्टूडेंट का किरदार करता दिखाई देता था। लेकिन उन्होंने इस किरदार को पूरी मैच्योरिटी के साथ निभाया है। उनकी डायलॉग डिलिवरी से लेकर उनके एक्टिंग के अंदाज तक वो हर हाल में हर्शद मेहता के किरदार में फिट दिखाई देते हैं।