New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को किसानों को देश के विकास की रीढ़ बताया। गोरखपुर के ऐतिहासिक चौरी चौरा घटना के शताब्दी समारोह का शुभारंभ करते हुये उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में एनडीए सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उपाय किये हैं। किसान देश की प्रगति के पीछे रहे हैं। उन्होंने चौरी चौरा संघर्ष में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले छह वर्षों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, कृषि क्षेत्र भी विकसित हुआ है।
We have taken several steps in the interest of farmers. To make mandis profitable for farmers, 1,000 more mandis will be linked to e-NAM: Prime Minister Narendra Modi https://t.co/kDkapLGKuU
— ANI (@ANI) February 4, 2021
Farmers have been behind the progress of the country. They also played important role in #ChauriChaura struggle. In the last six years, steps have been taken to make farmers self-reliant. As a result of this, agriculture sector has grown even during the pandemic: PM Modi pic.twitter.com/6kmOt2n6AG
— ANI (@ANI) February 4, 2021
It is unfortunate that martyrs of Chauri Chaura incident have not been discussed as much as they should have been. Although, they have not been given significance in pages of history but their blood is in the soil of the country and keeps inspiring us: PM Modi pic.twitter.com/BYBxsUbsgh
— ANI (@ANI) February 4, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा- हमने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं। मंडियों को किसानों के लिए लाभदायक बनाने के लिए 1,000 और मंडियों को ई-एनएएम से जोड़ा जाएगा। उन्होंने लोगों से यह भी संकल्प लेने का आग्रह किया कि देश की एकता सभी की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा- हमें यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि देश की एकता हमारी प्राथमिकता है और हर चीज से ऊपर इसका सम्मान है। इस भावना के साथ हमें भारत के प्रत्येक व्यक्ति के साथ आगे बढ़ना है।
उन्होंने पिछली सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय बजट को अपने वोट बैंक की नजर से देखा और उन घोषणाओं का एक माध्यम बनाया, जिन्हें वे पूरा नहीं कर सकते थे, लेकिन अब देश ने अपना दृष्टिकोण बदल दिया है। दशकों से, हमारे देश में बजट का अर्थ केवल इस बात तक सीमित था कि किसके नाम पर घोषणाएं की गई हैं। बजट वोट बैंक के लिए एक खाते में बदल गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी वर्तमान जरूरतों और भविष्य की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए घरेलू खर्च का लेखा-जोखा रखते हैं। लेकिन पहले की सरकारों ने बजट में ऐसी घोषणाओं का एक माध्यम बनाया था, जिन्हें वे पूरा नहीं कर सकते थे। अब देश ने ऐसे ‘परिवर्तन’ (विचार) और दृष्टिकोण को बदल दिया है।
पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान कई हफ्तों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि नए कानून एमएसपी प्रणाली को कमजोर करेंगे। लेकिन केंद्र का कहना है कि एमएसपी प्रणाली बनी रहेगी और नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प प्रदान करते हैं।