सबसे बायें रेड ड्रेस में अंशु जिन्हें मिली है 31वीं रैंक, फिर सुमन 98वीं रैंक, हरे दुपट‍्टे में मंजू को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर, फिर बीडीओ रोमा और अंत में लाल दुपट‍्टे में रीतू 96वीं रैंक लाकर मां-पिता का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया। Image Source : Twitter

मां ताउम्र 5 बेटियों के लिये सुनती रहीं ताने, बेटियों ने RAS टॉप कर देश में मां का मान बढ़ाया

New Delhi : एक किसान की पांच बेटियां और पांचों बेटियों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में झंडे गाड़ दिये। मां लक्ष्मी सहारण और पिता सहदेव सहारण जिन पांच बेटियों के लिये सालों से ताने सुनते आ रहे थे उन बेटियों ने न सिर्फ सहदेव बल्कि अपने गांव और जिले का नाम भी रोशन किया है। सभी बहनें लोगों की आंखों की नूर बन गईं हैं। हर कोई हैरत में यही पूछ रहा है- ऐसा भी होता है। आखिर राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव भैरूसरी की तीन सगी बहनों का एक साथ आरएएस परीक्षा में चयन हुआ तो पूरा राज्य चौंक गया। तीनों बहनों के एक साथ प्रशासनिक सेवा में मैदान मार लेने की सूचना जिसे भी मिली हैरान रह गया। बेटियों की इस बड़ी उपलब्धि की पूरे जिले में तो चर्चा थी है। अब पूरे देश में इस उपलब्धि की चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर यह खबर आग की तरह फैल गई है। लोग सहदेव सहारण को बधाई दे रहे हैं और बेटियों को आशीर्वाद।

आरएएस में चयनित इन बेटियों के नाम हैं रीतू, अंशु और सुमन सहारण। तीनों ने वर्ष 2018 की आरएएस परीक्षा में अच्छी तैयारी के साथ शामिल होने का निर्णय लिया। तीनों ने पढ़ाई में एक दूसरे की मदद की। दो बहने पहले ही आरएएस में चयनित थी सो पढ़ाई में उन बहनों की भरपूर मदद मिल रही थी। और अंतत मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे आये परिणाम के बाद तीनों बहनों की खुशी का ठिकाना न रहा। पिता सहदेव सहारण भी रात से ही लोगों के फोन कॉल पर बधाइयां लेने में व्यस्त हो गये।
सहदेव की पांच बेटियों में से दो बड़ी बेटियों का चयन पहले ही आरएएस के लिये हो गया था। दोनों बहने अलग अलग जगह पर पोस्टेड हैं और कार्यरत हैं। ऋतु, अंशु और सुमन की बड़ी बहनें मंजू कॉपरेटिव इंस्पेक्टर हैं तथा रोमा बीडीओ के रूप में सुजानगढ़ में नियुक्त है।
किसान सहदेव सहारण की तीन बेटियां रितू, सुमन और अंशु सहारण ने यह सफलता दूसरे प्रयास में प्राप्त की है। अंशु ओबीसी गर्ल्स 31, रीतू 96 एवं सुमन ने 98 वीं रैंक हासिल की है। सबसे बड़ी बहन मंजू सहारण का चयन 2012 में सहकारिता विभाग में हुआ। वहीं, 11 साल पहले रोमा सहारण का आरएएस में चयन हुआ, जो झुंझुनूं के सूरजगढ़ में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं। मंगलवार को जब परिणाम आया तो बाकी तीन बहनों का भी एक साथ आरएएस में चयन हुआ। इससे परिजनों और ग्रामीणों में खुशी छा गई। ठेठ ग्रामीण क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली पांचों बहनों की कहानी कुछ अलग ही है। पांचों ने कक्षा 5 वीं तक पढ़ाई स्कूल जाकर पूरी की। मगर 6वीं से 12वीं, ग्रेजुएशन, नेट जेआरएफ व पीएचडी तक की पढ़ाई प्राइवेट कर यह मुकाम हासिल किया है।

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