भारत का नया रिकॉर्ड : 4.12 लाख नये मरीज, केरल-कर्नाटक में भी रिकार्ड मामले दर्ज, 3980 की गई जान

New Delhi : भारत ने गुरुवार को पिछले 24 घंटों में 4,12,262 नये मामले दर्ज किये हैं। इसके अलावा कोरोना के 3,980 मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इससे पहले देश ने 30 अप्रैल को एक ही दिन में 4 लाख से अधिक संक्रमण दर्ज करने के बाद दुनिया का पहला देश बन गया था, जहां एक दिन में चार लाख से ज्यादा मामले आये हों। पिछले तीन दिनों से संक्रमण के मामले थोड़े कम होते जा रहे थे लेकिन आज संक्रमण के मामलों ने नया रिकॉर्ड बना दिया। नये संक्रमणों ने भारत के केसलॉड को 2.06 करोड़ से अधिक कर दिया है जबकि सक्रिय मामले 35.66 लाख हैं। कर्नाटक और केरल दोनों ने क्रमशः 50,000 से अधिक मामलों और लगभग 42,000 मामलों के साथ नये रिकॉर्ड दर्ज किये हैं। पिछले चौबीस घंटे में महाराष्ट्र में 57,000 से अधिक संक्रमण पाये गये हैं। कल जब वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर आकर ही रहेगी तो ऐसा संदेश साथ में गया कि दूसरी लहर शायद कम होने के रास्ते पर है लेकिन फिलहाल तो ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

इधर आज सुबह राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह का कोविड -19 से हारने के बाद निधन हो गया। उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्विटर पर इसकी पुष्टि की। वह 82 वर्ष के थे। वे भाजपा की वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में कृषि मंत्री के ओहदे पर थे। उनके अवसान पर गणमान्य लोगों ने दुख व्यक्त किया है और उन्हें श्रदधांजलि समर्पित की है।
इस बीच, प्रधान मंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने बुधवार को कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के उच्च स्तर को देखते हुए कोविड -19 की तीसरी लहर अपरिहार्य है और वे इसके लिए समय सीमा का अनुमान नहीं लगा सकते हैं। डॉ. के. वी. विजयराघवन ने भी स्वीकार किया कि विशेषज्ञों ने वर्तमान में देश में दूसरी लहर के “गति” की आशंका नहीं जताई थी। केंद्र ने यह भी कहा कि “कुछ राज्यों में पिछले डेढ़ महीने से देखे जा रहे मामलों में वृद्धि” “दूसरे स्ट्रेन के साथ अपने संबंध बताती है।
दूसरी तरफ बिडेन प्रशासन बुधवार को महामारी के अंत की गति बढ़ाने में मदद करने के लिए COVID-19 टीकों के पीछे की टेक्नॉलॉजी के अधिक हस्तांतरण के आह्वान को स्वीकार करने के पक्ष में शामिल हो गया है। यह एक ऐसा बदलाव है जो अमेरिका को विकासशील देशों में कई देशों के साथ रखता है जो अमीर देशों से और अधिक मदद की उम्मीद रखते हैं। बिडेन प्रशासन कोरोनोवायरस वैक्सीन के लिए बौद्धिक संपदा संरक्षण के समर्थन में सामने आया है, इससे वैक्सीन के उत्पादन में और अधिक तेजी आयेगी।

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