New Delhi: कहते हैं हमारी जिंदगी में आने वाली मुसीबतें हमारी क्षमता की जांच करती हैं वो जांचती हैं कि एक इंसान उन मुसीबतों में तपकर और कितना निखर सकता है। हमारे पास ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है जिनकी जिंदगी में मुसीबतें आईं तो ही उन्हें अपनी क्षमता अपनी ताकत का पता चला इन्हीं मुसीबतों में तपकर वो कूड़े से हीरा हो गए। ऐसे ही उदाहरणों में एक नाम कोमल गनात्रा का भी है जो आज एक आईएएस अफसर हैं। लेकिन अफसर बनने से पहले वो आम लड़कियों की तरह अपनी जिंदगी गुजार रही थीं। ज्यादातर लड़कियों की तरह कोमल ने भी शादी कर गृहस्थि संभालने और घर बसाने का सपना देखा था। पढ़ाई पूरी कर उन्होंने शादी की लेकिन जिस एनआरआई पति से वो बेशुमार प्यार करती थीं वही उन्हें शादी के मात्र 15 दिन बाद छोड़कर विदेश चला गया और फिर कभी वापस नहीं आया। लेकिन कोमल पर आई इस विपदा ने उन्हें खुद को मजबूत होना सिखाया। उन्होंने अपने दम पर अपनी आईएएस की पढ़ाई की और जब तक आईएएस अफसर नहीं बन गईं तब तक उन्होंने हार नहीं मानी।
मूल रूप से गुजरात की रहने वाली कोमल ने 2012 में यूपीएससी परीक्षा पास की। ये उनका चौथा प्रयास था। जिन हालातों में उन्होंने इतनी कठिन परीक्षा की तैयारी की उन हालातों में लोग जीना तक छोड़ देते हैं। ये IAS story न सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए प्रेरणा है बल्कि अपने आप में महिला सशक्तिकरण की भी मिसाल है। कोमल पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। उनके पिता एक टीचर थे जिससे घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल बना रहता। कोमल ने ग्रेजुएशन पूरा कर राज्य सिविल सेवा परीक्षा दी जिसमें उनका इंटव्यू के लिए नाम भी आ गया था लेकिन इसी दौरान उनकी शादी तय हो गयी वो 26 साल की थीं जब उनकी शादी एक एनआरआई लड़के से हुई। उनके पति चाहते थे कि वो दोनों शादी के बाद न्यूजीलैंड चले जाएं जिस कारण उन्होंने कोमल को इंटव्यू देने से मना कर दिया।
कोमल ने पति का कहना मानकर इंटरव्यू नहीं दिया। शादी के 15 दिन बाद ही कोमल के पति न्यूज़ीलैण्ड वापस चले गए और फिर लौट कर वापस नहीं आये। कोमल ने बहुत कोशिश की कि वो अपने पति का पता लगाकर उन्हें वापस पाने में कामयाब रहें लेकिन इससे कुछ नहीं हुआ। इस पर आज वो कहती हैं कि किसी इन्सान के पीछे भागना और इसे अपनी जिंदगी का मकसद बना देना लड़कियों के लिए एक बड़ी गलती है। कोमल का कहना है कि इस घटना के बाद उन्होंने सीख लिया कि एक औरत की पहचान उसके पति से नहीं बल्कि खुद की कामयाबी से होती है। औरर शादी इंसान को सम्पूर्ण नहीं बनाती बल्कि उसका सफल करियर ही उसे आत्म सम्मान दिलाता है और सम्पूर्ण बनाता है।
कोमल ने यहां से नई जिंदगी शुरू कर फिर से सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया। ये उस लड़की के लिए आसान नहीं था जिसकी शादी होते ही उसका पति छोड़ कर चला गया हो। कोमल के पास अब न तो कोई आमदनी थी, न तो माता पिता का ज्यादा सहयोग था। कुछ था तो वो थे समाज के ताने जो उन्हें हर वक्त सुनने पड़ते थे। वो बताती हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई करने के लिए हजार रुपये महीने की नौकरी से शुरूआत की। उनके पास न तो कोचिंग के पैसे होते थे न ही उनके पास कोई स्मार्ट फोन था। इस सब के बाद भी उन्होंने जिंदगी के आगे हार नहीं मानी। 3 असफल प्रयासों के बाद 2012 में उन्हें सफलता मिली।