हार्दिक पंडया:कभी बस का टिकट खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे,300 रुपये में खेलते थे टूरनामेंट

New Delhi: हार्दिक पंड्या को आज से मात्र 4 साल पहले यानी 2016 में इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका मिला था। तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी.ट्वेंटी मैच खेला था। मात्र 3 से 4 सालों में पंड्या अपने रन बनाने के कोशल के जरिए भारत ही नहीं विश्व के हर क्रिकेट प्रेमी की नजरों में आए। आज उन्हें हर कोई जानता है वो परिचय के मोहताज नहीं हैं। इसके साथ ही हो बेशुमार दौलत के मालिक भी हैं लेकिन अपना करियर बतौर क्रिकेटर शुरू करने के कुछ ही साल पहले तक उनके पास बस में सफर करने तक के पैसे नहीं होते थे। उन्होंने ऐसे दिन भी देखे हैं जब घर में खाना तक नहीं होता था और उन्हें कई दिनों तक ठीक से खाना नहीं मिल पाता था। काम के नाम पर उन्हें क्रिकेट के सिवा और कुछ आता नहीं था तो अपनी और अपने परिवार की थोड़ी बहुत मदद करने के लिए वो 300 रु में टूर्नामेंट खेलते थे। उनकी ये कहानी खुद दुनिया के जाने माने बिजनेस मैन मुकेश अंबानी की पत्नी और मुंबई इंडियन्स की ओनर नीता अंबानी ने सुनाई थी।

Bad-boy Hardik Pandya gets engaged

हार्दिक मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। उनका जन्म सूरत में 11 अक्टूबर 1993 में हुआ था। हार्दिक के पिता का यहां कार फाइनेंस करने का बिजनेस था जिसे छोड़कर वो अहमदाबाद आ गए। हार्दिक की ध्यान शुरूआत से ही पढ़ने कम और क्रिकेट खेलने में ज्यादा रहता था। इसे देखते हुए पिता ने उन्हें एक छोटी सी एकेडमी में क्रिकेट सीखने के लिए भर्ती कराया। उनका बचपन क्रिकेट सीखते और खेलते हुए बीता। लेकिन जब वो 15 16 साल के हुए तब पिता के अक्सर बीमार रहने के कारण घर में आर्थिक दिक्कतें शुरू हो गईं। उनके पिता को तीन बार हार्ट अटेक हुआ लेकिन इलाज मिलने से वो बच गए। उनके इलाज में घर की सेविंग्स चली गईं। उनका क्रिकेट सीखना भी छूट गया था। अब वो खुद से ही क्रिकेट सीखते थे। लेकिन जब कमाने का संकट उनके परिवार के सामने आया तो वो पैसा लेकर क्रिकेट खेलने जाया करते थे। इसक लिए उन्हें 300 रुपये मिलते थे।

Hardik Pandya Aus vs Ind 2nd T20: England Woman Cricketer Alexandra Hartley  Praises Hardik Pandya - इंग्लैंड की यह महिला क्रिकेटर हुईं हार्दिक पंड्या  की पारी पर फिदा - Navbharat Times

2016 में इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू के दौरान, पांड्या ने बताया था कि आईपीएल में खेलने का मौका मिलने से पहले उनका जीवन कैसे हुआ करता था। वो बताते हैं “मैं और मेरा भाई 5 रुपये में मैगी लेते थे और हम माली से गर्म पानी मांग कर उसमें मैगी बनाते थे। उसे हम दोनों भाई नाश्ता और लंच दोनों ही समझकर खाते थे। फिर इसके बाद सीधा रात का ही खाना मिल पाता था। ऐसा ही पूरे 365 दिन चला। यहां तक आने के लिए उन्होंने जी तो़ड़ मेहनत की थी। वो बताते थे न जाने कितनों से उन्होंने कर्जा लिया था। वो बताते हैं कि इस समय उनके पास 5 रुपये तक नहीं होते थे। जिस कारण वो बस में बिना टिकट सफर करते थे।

Hardik Pandya 2.0: MI star undergoes massive transformation ahead of IPL  2020 | Cricket News – India TV

पंड्या 2013 से बड़ौदा क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे हैं। उन्होंने 2013-14 सत्र में अपनी टीम को बड़ौदा में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंडियन प्रीमियर लीग के 2015 सीज़न में, उन्होंने 8 गेंदों पर 21 रनों की बौछार की और तीन महत्वपूर्ण कैच पकड़कर मुंबई इंडियंस को चेन्नई सुपर किंग्स को छह विकेट से हरा दिया था। उस अनजान लड़के को तब मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ पहले क्वालीफायर के बाद, सचिन तेंदुलकर ने हार्दिक को फोन किया और उन्हें बताया कि वह अगले 18 महीनों के अंदर टीम इंडिया के लिए खेलेंगे। एक वर्ष के भीतर उन्हें 2016 एशिया कप और 2016 आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 के दौरान भारतीय टीम में खेलने के लिए चुना गया। इसके बाद तो उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर भारतीय टीम के प्रशंशकों को कभी निराश नहीं किया। आज हार्दिक पंड्या के पास वो सब है जिसे चाहने के बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *