मुकेश सहनी, फूलन देवी का प्रतिमा और योगी आदित्यनाथ। Image Source : Twitter

बिहार के मंत्री की हेकड़ी बनारस एयरपोर्ट पर फुस्स, बाहर भी न निकलने दिया योगी ने, उल्टे पांव वापस

New Delhi : उत्तर प्रदेश में मुकेश सहनी की कुछ न चली। वे बनारस गये तो थे इस नीयत से कि फूलन देवी की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाकर निषादों की राजनीति उत्तर प्रदेश में शुरू करेंगे लेकिन योगी सरकार ने उनकी टायर की हवा निकालकर उनके मंसूबों को पंचर ही कर दिया। हालात ऐसे हो गये कि बिहार के इस मंत्री को बनारस एयरपोर्ट से बाहर भी नहीं आने दिया गया और वह उल्टे पांव लौटा दिये गये। उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस कोलकाता के लिये चले गये और फिर वहां से पटना की उड़ान थाम ली। हालांकि यह भी उनकी नौटंकी का हिस्सा ही था, क्योंकि योगी सरकार ने साफ कर दिया था कि इस तरह के किसी आयोजन की अनुमति उन्हें नहीं दी जायेगी, जिससे समाजिक तनाव बढ़े। प्रशासन ने आशंका व्यक्त की थी कि इस तरह के आयोजन से जातीय उन्माद फैलेगा। तनाव बढ़ जायेगा।

 

बता दें कि डकैत से नेता बनीं फूलन देवी की पुण्यतिथि मनाने के विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के फैसले पर पहले ही प्रशासन ने रोक लगा दी थी। फिर भी पार्टी प्रमुख मुकेश साहनी शनिवार को वे बनारस पहुंच गये तो यूपी पुलिस ने बनारस हवाई अड्डे पर ही रोक दिया। इसी तरह, पार्टी कार्यकर्ताओं को बनारस के होटल डे पेरिस में रोक दिया और उन्हें साहनी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। वीआईपी ने फूलन देवी की 20 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी 18 प्रतिमाओं को स्थापित करने और यूपी के 18 जिलों में समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी। साहनी जो वर्तमान में नीतीश कुमार सरकार का हिस्सा हैं, ने 2 जुलाई को अपनी पार्टी की यूपी इकाई का शुभारंभ किया था। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते एक ही मुहावरा सटीक बैठ रहा- सर मुंडाते ही ओले पड़े।
मत्स्य पशुपालन मंत्री ने अपनी सारे कृत्य को सही ठहराते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पर जाति विशेष के लिये काम कर रहे हैं। यह बात ठीक नहीं है। लोगों में बेहद आक्रोश है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले शक्ति प्रदर्शन के तौर पर फूलन देवी की पुण्यतिथि को शहादत दिवस के रूप में मनाने बनारस पहुंचे बिहार सरकार के मंत्री और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को एयरपोर्ट से बाहर आने की इजाजत सरकार ने नहीं दी। पुलिस ने बनारस एयरपोर्ट पर उन्हें रोक दिया। बनारस से दिल्ली की फ्लाइट नहीं होने के कारण सहनी को विमान से कोलकाता भेज दिया गया। प्रशासन ने उनके बनारस पहुंचने से पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। यूपी पुलिस और प्रशासन के सामने उनके मुंह से आवाज तक नहीं निकली। चुपचाप वे एयरपोर्ट में वापस घुस गये। कोशिश भी नहीं की कि उन्हें बनारस में प्रवेश दिया जाये।
उनके पूरे हावभाव से यह साबित हो गया कि वे सिर्फ राजनीति करने के लिये बनारस पहुंचे थे। बनारस पुलिस ने प्रशासनिक आदेश पर उनके स्वागत में लगे बैनर पोस्टर भी फाड़ दिये। सहनी ने अपने स्वागत के विशेष इंतजाम करा रखे थे। पूरी तैयारी थी कि एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हो। लेकिन जो लोग उनका स्वागत करने के लिये आ रहे थे उनको एयरपोर्ट से बहुत पहले रोक दिया गया। होटल में प्रेस कांफ्रेंस का इंतजार कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को होटल में ही नजरबंद कर दिया। मुकेश सहनी रविवार की दोपहर करीब दो बजे बनारस एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्हें पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा बनारस में पूर्व सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेना था। 25 जुलाई को यूपी के 18 प्रमंडलों में फूलन की 18 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की योजना थी। लेकिन यूपी सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।
मुकेश सहनी बनारस एयरपोर्ट से ही कोलकाता एयरपोर्ट धकियाकर भेजे जाने से बिफर पड़े। पटना पहुंचने के बाद उन्होंने सीधा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ जाति विशेष के लिए काम कर रहे हैं। उनके इस कृत्य से देशभर के निषाद समाज में आक्रोश है।

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